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भोपाल। एमपी के परिवहन क्षेत्र में एक जुलाई से अहम बदलाव करते हुए बॉर्डर चेक पोस्ट की व्यवस्था बंद कर दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के दो घंटे के भीतर ही परिवहन विभाग की तरफ से औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। इसके तहत एक जुलाई से सभी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद करने का फैसला लिया गया है।
लगातार मिल रही थी शिकायत
प्रदेश की बॉर्डर पर स्थित परिवहन चौकियों में लगातार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें मिल रहीं थीं। कई जगहों पर तो सरकार को अफसरों द्वारा प्राइवेट लोगों को तैनात कर मनमाने पैसे वसूलने की शिकायतें तक मिली थीं। इसके बाद परिवहन विभाग ने विगत दिनों एक आदेश निकालकर प्राइवेट व्यक्तियों की परिवहन चेक पोस्ट पर तैनाती होने पर संबंधित अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी।
नई व्यवस्था में फ्लाइंग स्क्वॉड करेगी जांच
मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को सीएम हाउस में स्थित समत्व भवन से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी जिलों से जुड़े प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवहन विभाग की नई व्यवस्था में आवश्यक सहयोग दिया जाए। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में अब चेक पोस्ट के बजाय उड़नदस्ते काम संभालेंगे। ऐसे में प्रदेश के बाहर से आने वाले वाहनों को कोई समस्या नहीं आएगी। इसके साथ ही सीएम ने कॉलेजों में शिविर लगाकर विद्यार्थियों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने, निर्धारित स्थान से टाइम-टेबल के अनुसार बसें चलाने, स्कूल बसों की चेकिंग के भी निर्देश दिए। इस बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा समेत आला अफसर मौजूद थे।
गुजरात पैटर्न पर लागू होगी ये नई व्यवस्था
- प्रदेश के अंदर अब चेक पोस्ट के स्थान पर चेक पॉइंट रहेंगे। एमपी में कुल 45 चेक पॉइंट रहेंगे।
- परिवहन विभाग में 211 होमगार्ड होमगार्ड भी तैनात होंगे
- मोबाइल उड़नदस्ते और चेक पॉइंट पर पदस्थ अमले को तय समय अवधि में बदला जाएगा।
- 26 सीमावर्ती जिलों में चेक पोस्ट के बजाय मोबाइल उड़नदस्ते होंगे तैनात
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