Naresh Bhagoria
28 Dec 2025
Manisha Dhanwani
28 Dec 2025
Manisha Dhanwani
28 Dec 2025
Naresh Bhagoria
27 Dec 2025
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का आतंकी और टेरर फंडिंग मामले में उम्रक़ैद की सजा काट रहा यासीन मलिक एक बार फिर सुर्खियों में है। दिल्ली हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में मलिक ने चौंकाने वाला दावा किया है। उसने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से उसकी मुलाकात के बाद उसे धन्यवाद दिया था।
मलिक के अनुसार, 2005 में कश्मीर में आए भूकंप के बाद पाकिस्तान यात्रा से पहले दिल्ली में उसकी मुलाकात तत्कालीन खुफिया ब्यूरो (IB) के विशेष निदेशक वी.के. जोशी से हुई थी। उन्होंने मलिक से कहा कि पाकिस्तान के राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ हाफिज सईद और अन्य आतंकी नेताओं से भी संवाद करें, ताकि शांति प्रक्रिया को बल मिले।
मलिक का दावा है कि उसे साफ तौर पर बताया गया था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तब तक सार्थक नहीं होगी जब तक आतंकवादी नेताओं को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
यासीन मलिक ने कहा कि इस अपील को मानते हुए उसने पाकिस्तान जाकर हाफिज सईद और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के नेताओं से मुलाकात की। हाफिज सईद ने वहां एक सम्मेलन बुलाया, जिसमें उसने जिहादी संगठनों से शांति अपनाने की अपील की। इस दौरान इस्लामी शिक्षाओं का हवाला देकर हिंसा छोड़ने पर जोर दिया गया।
मलिक के हलफनामे के मुताबिक, पाकिस्तान से लौटने के बाद उसे सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करने के लिए कहा गया। 17 फरवरी की शाम दिल्ली में एनएसए एम.के. नारायणन की मौजूदगी में हुई इस मुलाकात में मनमोहन सिंह ने यासीन मलिक को धन्यवाद देते हुए कहा था- "मैं आपको कश्मीर में अहिंसक आंदोलन का जनक मानता हूं।"
यासीन मलिक का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया आधिकारिक रूप से स्वीकृत थी, लेकिन वर्षों बाद इसे उसके पाकिस्तान समर्थक और आतंकी संगठनों से संबंधों के प्रमाण के रूप में पेश किया गया। उसने कहा कि यह उसके साथ “विश्वासघात” था और राजनीतिक मकसदों के लिए तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया।
इस पूरे मामले पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यासीन मलिक का हलफनामा सोशल मीडिया पर साझा किया और कांग्रेस को घेरते हुए इसे ‘चौंकाने वाला खुलासा’ बताया।