भोपालमध्य प्रदेश

आश्रय गृह की लक्ष्मी को मिल गया जीवनसाथी

पल्लवी वाघेला भोपाल। दोस्त की शादी में प्यारी सी लड़की दिखी, देखते ही लगा बस यही बन सकती है बेटर हॉफ। पता चला कि यह दुल्हन की सहेली है और उसी के साथ आश्रय गृह में रहती थी। माता-पिता से बात की। थोड़ी मान-मनुहार के बाद वह भी मान गए। जब लड़की से उनकी मुलाकात हुई तो उसकी सादगी और व्यवहार पूरे परिवार के मन में उतर गया। अब वही अचानक हुई मुलाकात जीवन भर का साथ बनने जा रही है। यह प्यारी सी कहानी है विमलेश और लक्ष्मी की। निर्भया आश्रय गृह में रहने वाली लक्ष्मी और सीहोर जिले के विमलेश, शुक्रवार को विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं।

छोटी सी उम्र से आश्रय गृह में

लक्ष्मी के पिता की मृत्यु के बाद मां की दूसरी शादी हुई। मां हमेशा बीमार रहती थी और सौतेले पिता का व्यवहार ठीक नहीं था। छोटी सी उम्र में लक्ष्मी को रेस्क्यू कर कटनी के लिटिल स्टार फाउंडेशन में रखा गया। बड़ी होने पर लक्ष्मी को भोपाल के पश्चात्वर्ती गृह में शिफ्ट किया गया। 2021 में वह निर्भया आश्रय गृह में रहने आई।

परिवार राजी हो गया

सीहोर के विमलेश के पास खुद का मकान और गाड़ी है। वे गाड़ी ट्रेवल्स में देते हैं। उन्होंने कहा कि परिचित में आश्रय गृह से ब्याह कर आई बहुओं के बारे में बताने पर परिवार राजी हो गया।

लगी हल्दी, आज संगीत

लक्ष्मी की हल्दी रस्म गीतों के साथ बुधवार को हुई। आश्रय गृह की डायरेक्टर समर खान ने बताया कि हल्दी रस्म का प्रॉपर माहौल तैयार करने के लिए सभी लड़कियों ने पीले सूट और गोटा मिक्स ज्वैलरी तैयार की थी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को होने वाले संगीत की भी तैयारी की है।

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