Peoples Reporter
6 Oct 2025
Shivani Gupta
30 Sep 2025
पुराणों के अनुसार जब धरती पर अधर्म और पाप बढ़ता है, तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं। द्वापर युग में जब मथुरा का राजा कंस अत्याचार कर रहा था, तब भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया। कन्हैया का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, आधी रात के समय, देवकी और वासुदेव के घर हुआ।
निशिता पूजा का समय - 12:04 AM से 12:47 AM, 17 अगस्त
पारण समय - 05:51 AM, 17 अगस्त के बाद
हर साल श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में भक्तजन उपवास रखते हैं, मध्यरात्रि में पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से श्रीकृष्ण की कृपा मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।
इस बार जन्माष्टमी की तारीख को लेकर कुछ भ्रम है, क्योंकि अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है-
अष्टमी तिथि शुरू : 15 अगस्त 2025 को रात 11:49 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त : 16 अगस्त को रात 9:34 बजे
15 अगस्त 2025 – गृहस्थों की जन्माष्टमी (स्मार्त संप्रदाय)
जो लोग पंचदेवों की पूजा करते हैं और गृहस्थ जीवन में हैं, वे 15 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।
16 अगस्त 2025 – वैष्णव संप्रदाय की जन्माष्टमी
जो लोग भगवान विष्णु के भक्त हैं (वैष्णव संप्रदाय), वे उदया तिथि यानी सूर्योदय के अनुसार जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाएंगे।
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार जो व्यक्ति श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। उसे वैकुंठ लोक में स्थान मिलता है। भविष्य में जब वह दोबारा जन्म लेता है, तो उसमें भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति स्वतः जागृत हो जाती है।
· ब्रह्म मुहूर्त - 04:24 AM से 05:07 AM
· प्रातः सन्ध्या - 04:46 AM से 05:51 AM
· अभिजित मुहूर्त - 11:59 AM से 12:51 PM
· विजय मुहूर्त - 02:37 PM से 03:29 PM
· गोधूलि मुहूर्त - 06:59 PM से 07:21 PM
· सायाह्न सन्ध्या - 06:59 PM से 08:05 PM
· अमृत काल - 02:23 AM, 17 अगस्त से 03:53 AM, 17 अगस्त
· निशिता मुहूर्त - 12:04 AM, 17 अगस्त से 12:47 AM, 17 अगस्त
· सर्वार्थ सिद्धि योग - 04:38 AM, 17 अगस्त से 05:51 AM, 17 अगस्त
· अमृत सिद्धि योग - 04:38 AM, 17 अगस्त से 05:51 AM, 17 अगस्त