Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार दोपहर करीब 12:25 बजे बादल फटने से भयानक तबाही मच गई। चसोटी और पड्डर ताशोति इलाके में अचानक आए इस प्राकृतिक कहर ने पूरे क्षेत्र को खंडहर में बदल दिया। चिनाब नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और तेज बहाव अपने साथ मकान, गाड़ियां, पुल, मंदिर और कई लोगों की जिंदगियां बहा ले गया।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 65 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं और कई अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। 21 शवों की पहचान हो चुकी है, वहीं अब तक 167 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने मृतकों और घायलों के परिजनों को राहत और मुआवजा देने की घोषणा की है।
आपदा का सबसे बड़ा असर मचैल माता यात्रा पर पड़ा, क्योंकि हादसा ठीक उसी मार्ग पर हुआ जहां हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। यात्रा का पहला पड़ाव चसोटी गांव था, जहां बादल फटते ही श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें तेज बहाव में बह गए। हालात को देखते हुए यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
रेस्क्यू कार्य में सेना, NDRF, SDRF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स के जवान दिन-रात जुटे हुए हैं। व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टीम और 60-60 जवानों वाले पांच विशेष ग्रुप (कुल 300 जवान) मौके पर तैनात हैं। हेलिकॉप्टर, ड्रोन और मशीनरी की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात कर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। सीएम अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रशासन पूरी ताकत के साथ राहत अभियान चला रहा है। वह शुक्रवार दोपहर किश्तवाड़ का दौरा करेंगे।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, बादल फटते ही कुछ ही मिनटों में पानी और मलबे की चपेट में पूरा गांव आ गया। मकान जमींदोज हो गए, सड़कें विशाल पत्थरों से भर गईं और लोग जान बचाने के लिए भागते नजर आए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरें इस त्रासदी की भयावहता को बयां कर रही हैं।
फिलहाल दर्जनों लोग लापता हैं और उनके परिजन अस्पतालों व राहत शिविरों में अपनों की तलाश कर रहे हैं। सेना और राहत एजेंसियों ने कहा है कि दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है।