Shivani Gupta
26 Sep 2025
झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी और सहायक सेल्समैन को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने निलंबित शासकीय उचित मूल्य की दुकान को दोबारा चालू करने और एफआईआर दर्ज न करने के एवज में यह रकम मांगी थी।
फिलहाल, दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 एवं धारा 61(2) बीएनएस 2023 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
आवेदक मनोज ताहेड़ (32), निवासी ग्राम नेगड़िया शासकीय उचित मूल्य की दुकान में सेल्समैन का काम करता था। 19 सितंबर 2025 को जिला आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद ने उसकी दुकान को बिना सूचना निलंबित कर दूसरी दुकान में संलग्न कर दिया। इसके बाद मनोज ताहेड़ अपनी दुकान के निलंबन को लेकर कलेक्टर कार्यालय झाबुआ स्थित खाद्य विभाग के कार्यालय पहुंचा।
वहीं उसकी मुलाकात सहायक सेल्समैन जितेन्द्र नायक से हुई। जितेन्द्र ने निलंबन हटवाने और एफआईआर रोकने के लिए “खर्चापानी” की मांग की और कहा कि यह राशि जिला आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद को देनी होगी। कुछ देर बाद जितेन्द्र ने मनोज को बताया कि अधिकारी से बात हो गई है और 1 लाख रुपए देने पर दुकान का निलंबन हटाया जाएगा।
आवेदक ने इसकी शिकायत 21 सितंबर 2025 को लोकायुक्त पुलिस इंदौर को की। सत्यापन में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद आज 25 सितंबर 2025 को ट्रैपदल ने कार्रवाई करते हुए आरोपी आशीष आजाद और सहायक सेल्समैन जितेन्द्र नायक को जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय झाबुआ में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
कार्रवाई में लोकायुक्त इंदौर की टीम शामिल थी, जिसमें निरीक्षक रेनू अग्रवाल, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक पवन पटोरिया, आरक्षक मनीष माथुर, आरक्षक आशीष आर्य और आरक्षक कृष्णा अहिरवार शामिल रहे। लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 और धारा 61(2) बीएनएस 2023 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।