Garima Vishwakarma
18 Dec 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र को चार हफ्ते का समय दिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस मामले में केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश सरकार के बीच में बातचीत चल रही है। इससे पहले इस मामले की पिछली सुनवाई आठ हफ्ते पहले 14 अगस्त को हुई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से आठ हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। बता दें केंद्र ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया था इसके बाद इसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटा था।
शुक्रवार की सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ लोग झूठी तस्वीरें दिखा रहे हैं और जम्मू-कशमीर को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले सीजेआई ने कहा था कि बैंच केंद्र के जवाब के बिना आगे नहीं बढ़ेगी। निर्णय लेने के दौरान जम्मू-कश्मीर की मौजूदा हालात और सुरक्षा स्थित देखी जाएगी। जिसके आधार पर बैंच फैसला करेगी। सिर्फ संविधान के बहस को मुद्दा बनाकर फैसला नहीं लिया जाएगा। न्यायालय ने केंद्र को जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का समय दिया था। जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
यह याचिका प्रोफेसर जहूर अहमद भट और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद ने लगाई है। दरअसल उनका कहना है कि राज्य में विधानसभा सहित लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं। जिससे राज्य के हालात बेहतर है। इससे साफ है कि राज्य की लोकतांत्रिक और संवैधानिक प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। हालांकि उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश बनने से राज्य सरकार का महत्व कम दिख रहा है जो संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है।
बता दें जम्मू-कशमीर में इस समय उमर अबदुल्ला मुख्यमंत्री है। यहां उमर अबदुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन का शासन है। फिलहाल सरकार के सामने कई चुनौतियां है जिनमें आर्थिक विकास सहित सुरक्षा व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण समस्याएं शामिल है। दूसरी ओर राज्य में बेरोजगारी ज्यादा है जो युवाओं के लिए बड़ी समस्या बन रही है।