Shivani Gupta
14 Oct 2025
पुंछ। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है। बीते तीन दिनों में सेना ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों में पांच आतंकियों को मार गिराया है। मंगलवार रात पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास दो आतंकवादियों को मार गिराया गया, वहीं इससे पहले 28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास तीन पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में ढेर किया था।
सेना ने बताया कि पुंछ जिले के मालदीवलन इलाके में LoC के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया गया। यह कार्रवाई देर रात शुरू हुई जब जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी। जैसे ही आतंकियों ने सीमा पार करने की कोशिश की, जवानों ने घेराबंदी कर दी और मुठभेड़ शुरू हो गई।
इस ऑपरेशन को "ऑपरेशन शिवशक्ति" नाम दिया गया। मौके से तीन हथियार, गोला-बारूद और अन्य सैन्य सामग्री भी बरामद की गई है। सेना का कहना है कि इससे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी नेटवर्क की एक और घुसपैठ की कोशिश नाकाम हुई है।
इससे पहले, 28 जुलाई को दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान इलाके में एक बड़ा एनकाउंटर हुआ था। सेना और सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया।
इनमें सुलेमान, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था, शामिल था। बाकी दो की पहचान जिबरान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। जिबरान, सोनमर्ग सुरंग प्रोजेक्ट पर हुए आतंकी हमले में शामिल था। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन महादेव नाम दिया गया। एनकाउंटर स्थल से अमेरिकी M4 कार्बाइन, AK-47 राइफल, कुल 17 हथियार और ग्रेनेड बरामद किए गए।
एक हफ्ते पहले सुरक्षाबलों को श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। ये आतंकी एक चीनी अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसे उन्होंने हाल ही में फिर से एक्टिवेट किया था। इसी सैटेलाइट फोन के सिग्नल ट्रैक किए गए, जिससे उनकी लोकेशन का पता चला और सेना ने ऑपरेशन शुरू किया। 28 जुलाई को सुबह 11:30 बजे सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा यूनिट की एक टुकड़ी ने एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए आतंकियों को घेर लिया और मुठभेड़ में तीनों को मार गिराया।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह हमला बायसरन घाटी में हुआ था, जो पहलगाम शहर से 6 किमी दूर है। आतंकियों ने पर्यटकों को धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया था। हमले के बाद की जांच में आदिल हुसैन ठोकर, सुलेमान और अली उर्फ तल्हा भाई के नाम सामने आए थे। मूसा और अली, दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं और मूसा पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो रह चुका है। इन दोनों पर 20-20 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया।