सरकार के खिलाफ बांग्लादेश में उबला कट्टरपंथियों का गुस्सा, महिला सुधार आयोग खत्म करने की मांग, बोले- औरत और मर्द बराबर नहीं
Publish Date: 4 May 2025, 1:32 PM (IST)Reading Time: 3 Minute Read
बांग्लादेश के ढाका में शनिवार को हिफाजत-ए-इस्लाम नाम के कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। करीब 20 हजार प्रदर्शनकारियों ने महिला सुधार आयोग को खत्म करने की मांग की और उसे इस्लाम विरोधी बताया। लोगों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था- ‘हमारी महिलाओं पर पश्चिमी कानून मत थोपो, बांग्लादेश जागो।’
इस रैली में संगठन के नेता मामुनूल हक ने महिला आयोग के सदस्यों पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि देश की इसने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
कहा- महिलाएं और पुरुष बराबर नहीं
प्रदर्शन में शामिल एक महिला मदरसे के शिक्षक मोहम्मद शिहाब उद्दीन ने कहा- ‘पुरुष और महिला कभी एक जैसे नहीं हो सकते। कुरान में दोनों के लिए अलग नियम बताए गए हैं, जिन्हें सभी को मानना चाहिए।’
हिफाजत-ए-इस्लाम का कहना है कि महिला सुधार आयोग के जरिए सरकार इस्लामी मूल्यों को खत्म कर रही है और पश्चिमी सोच को थोप रही है।
महिला आयोग का उद्देश्य और कट्टरपंथियों का विरोध
बांग्लादेश सरकार ने हाल में महिला अधिकारों की सुरक्षा और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महिला सुधार आयोग का गठन किया है। इस आयोग ने सभी धर्मों की महिलाओं के लिए समान पारिवारिक कानून लागू करने की सिफारिश की है।
बांग्लादेश में अभी धर्म के आधार पर अलग-अलग पारिवारिक कानून लागू होते हैं। मुस्लिम महिलाओं के लिए शरिया, हिंदुओं के लिए हिंदू लॉ, और अन्य धर्मों के लिए अलग नियम हैं। इसी को लेकर हिफाजत-ए-इस्लाम का विरोध जारी है।
सरकार को चेतावनी, 23 मई को फिर प्रदर्शन
हिफाजत-ए-इस्लाम ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार महिला सुधार आयोग को खत्म नहीं करती तो 23 मई को पूरे देश में और बड़ी रैलियां की जाएगी। यह संगठन 2010 में चटगांव में बना था और इसे सऊदी अरब से फंडिंग मिलने की खबरें भी सामने आती रही हैं।
यह संगठन बांग्लादेश में शरिया कानून लागू करने की मांग करता है और खुद को इस्लामी मूल्यों का रक्षक बताता है।
मोदी की यात्रा का भी किया था विरोध
मार्च 2021 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने पर ढाका गए थे, तब इसी संगठन ने विरोध में हिंसक प्रदर्शन किया था। उस दौरान कई मंदिरों और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया था, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी।
यह भी पढ़ें- फिल्म की स्क्रिप्टिंग के लिए दोस्तों को बैठाते हैं सलमान, को-स्टार शहजाद खान ने किया खुलासा, बोले- इसलिए फ्लॉप हो रहीं फिल्में