जबलपुर। रेल यात्री अब मप्र के जबलपुर रेलवे स्टेशन पर अंडा बिरयानी का स्वाद नहीं ले पाएंगे। रेलवे ने यहां अंडा बिरयानी बेचने पर रोक लगा दी है। यह निर्णय किसी धार्मिक वजह से नहीं बल्कि अंडा बिरयानी की खराब गुणवत्ता के कारण लिया गया है। इतना ही नहीं खान-पान ठेकेदार दो अंडे की जगह एक ही अंडे के दो हिस्से करके अंडा बिरयानी बेजने में मुनाफाखोरी भी कर रहे थे। रेलवे स्टेशन के खानपान स्टालों पर पश्चिम मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक मुकुल शरण माथुर एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विश्वरंजन ने जांच की थी।
स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक
दरअसल, जांच के दौरान डिब्बाबंद अंडा बिरयानी की गुणवत्ता बेहद खराब और यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए संभावित नुकसानदायक पाई गई। डीसीएम सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे प्रशासन ने तत्काल सख्त निर्णय लेते हुए जबलपुर रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म और ट्रेन में आगामी आदेश तक अंडा बिरयानी के विक्रय पर रोक लगा दी है।
स्टेशन पर ठेकेदारों की चल रही मुनाफाखोरी
जबलपुर स्टेशन पर तीन ठेकेदारों को खान-पान का लाइसेंस मिला हुआ है। जांच के दौरान तीनों की ठेकेदारों द्वारा खराब गुणवत्ता की अंडा बिरयानी बेचना पाया गया। वहीं ठेकेदारों द्वारा डिब्बाबंद अंडा बिरयानी में दो की जगह एक ही अंडा दिया जा रहा था। जबलपुर रेल मंडल की टीम जब स्टेशन पर जांच करने पहुंची थी तो इस बात का खुलासा हुआ था। यात्री जब ट्रेन में पैकेट खोलते थे तो इस बात का पता चलता था। जांच में ये भी पता चला कि बाकि सब्जियों की मात्रा भी कम कर के परोसी जा रही थी। रेलवे द्वारा दो अंडों की डिब्बाबंद अंडा बिरयानी की कीमत 80 रुपए निर्धारित है।
स्टेशन पर वेंडरों की भी जांच की गई
इसके साथ ही आला रेल अधिकारियों ने स्टेशन पर उपलब्ध खाद्य एवं पेय सामग्री को स्वयं खा कर देखा। जांच के दौरान स्टेशन पर वेंडरों की भी जांच की गई जिसमें सभी वेंडरों के पास रेलवे द्वारा जारी पहचान पत्र मिले। जांच के दौरान स्टॉल संचालकों को साफ-सफाई एवं उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए।
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