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Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न भरने और गलतियों को सुधारने का आखिरी मौका, इस तारीख तक कर सकते हैं अपडेट

नई दिल्ली। साल 2022 बस कुछ ही दिनों में खत्म होने वाला है। ऐसे में टैक्स से जुड़े कुछ काम 31 दिसंबर तक निपटा लीजिए। अगर आपको लेट फाइन के साथ इनकम टैक्स भरना हो या फिर भरे जा चुके ITR में गलती सुधारना है तो इस महीने के खत्म होने पर पहले ये काम कर लीजिए।

लेट फीस के साथ ITR करें फाइल

आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत तय समय तक ITR नहीं भरने पर धारा 234ए के तहत जुर्माना लगता है। अगर आपकी सालाना आमदनी पांच लाख रुपये से कम है, तो आपको फाइन के रूप में एक हजार रुपए भरना होगा। आय 2.50 लाख से कम होने पर बिना जुर्माना रिटर्न भर सकते हैं। वहीं अगर करदाता की कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक है, तो वे बिलेटेड ITR 5 हजार रुपए के जुर्माने के साथ भर सकते हैं।

ITR में सुधार

अगर किसी ने 2021-22 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय कोई गलती कर दी है तो वह इसे 31 दिसंबर तक सुधार सकते हैं। रिवाइज्ड ITR फाइल करके गलती को सुधार सकता है। ITR को फाइल करने और इसमें सुधार करने की आखिरी डेट 31 दिसंबर, 2022 है। यह फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए है। ऐसा नहीं करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस जारी कर सकता है।

पैन कार्ड लिंकिंग है जरूरी

इनकम टैक्स विभाग की ओर से ट्वीट कर कहा गया, ‘आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार, सभी पैन धारकों के लिए जो छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं, उन्हें 31.03.2023 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। जो पैन आधार से नहीं लिंक किए गए हैं, वे 01.04.2023 से निष्क्रिय हो जाएंगे।’

एडवांस टैक्स

अगर आप एडवांस टैक्स भरना चाहते हैं और अंतिम तारीख 15 दिसंबर तक भर नहीं पाए तो उसके लिए अलग नियम है। सालाना टैक्स 10 हजार रुपए से अधिक भरने वाले अगर 15 दिसंबर तक 75 फीसदी एडवांस टैक्स जमा नहीं पाए तो एक फीसदी का ब्याज लगेगा।

टैक्सपेयर्स के लिए सात तरह के फॉर्म निर्धारित

  • ITR-1 (सहज): यह सबसे आसान फॉर्म है। इस फॉर्म का इस्तेमाल वह छोटे एवं मध्यम करदाता कर सकते हैं, जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपए तक होती है। साथ ही जिनका कमाई का जरिया सिर्फ वेतन और एक घर या ब्याज जैसे अन्य स्रोत हैं।
  • ITR -2: जिन व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार की कमाई किसी कारोबार या प्रोफेशन से न हो। साथ ही वह सहज फॉर्म भरने की योग्यता न रखते हों।
  • ITR -3: जिन व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार की कमाई किसी कारोबार या प्रोफेशन से हो।
  • ITR -4 (सुगम): यह फॉर्म हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनियों की ओर से भरा जाता है, जिनकी किसी कारोबार या प्रोफेशन से सालाना कमाई 50 लाख रुपए तक हो।
  • ITR -5: हिंदू अविभाजित परिवार, भागीदारी वाली कंपनियां, एलएलपी इसे भर सकती हैं।
  • ITR -6: इसे धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए है।
  • ITR -7: आयकर अधिनियम के तहत छूट क्लेम करने वाले ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां और चैरिटेबल ट्रस्ट यह फॉर्म भर सकते हैं।

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