Naresh Bhagoria
22 Nov 2025
भोपाल। खादी केवल एक कपड़ा नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति, स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है। इसे अपनाकर हम न सिर्फ अपने देश की पहचान मजबूत करते हैं, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उत्पादों को भी समर्थन देते हैं। इसी भावना के साथ हर घर स्वदेशी, घर घर स्वदेशी के नारे पर आधारित खादी महोत्सव 2025 का आयोजन पूरे देश में जोश और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
भोपाल में यह उत्सव बेहद धूमधाम से मनाया गया। रोशनपुरा चौराहे से शुरू हुई खादी यात्रा जवाहर चौक तक पहुंची। इसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी, छात्र, समाजसेवी और आम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने खादी के वस्त्र पहनकर स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया। यात्रा में वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के नारे गूंजते रहे।
आयोजकों ने बताया कि इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य खादी, हथकरघा, ग्रामोद्योग और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। इससे देश के कारीगरों और छोटे उद्योगों को नई पहचान और अवसर मिलते हैं। हर नागरिक अपनी खरीदारी में स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर देश की आर्थिक ताकत बढ़ा सकता है।
यह अभियान 17 सितंबर से 23 अक्टूबर तक पूरे देश में चलाया जा रहा है। सभी से अपील की जा रही है कि वे खादी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दें।