जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शुक्रवार को निधन हो गया। उनकी अचानक मौत पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनका और मेरा कई साल पुराना जुड़ाव रहा। मैं गुजरात के सीएम के दौरान से उन्हें जानता था। पीएम ने ट्वीट कर 9 जुलाई को राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।
शिंजो आबे उन चुनिंदा विदेशी राजनेताओं में से एक हैं, जिनकी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतरीन केमिस्ट्री रही है। मोदी और आबे की दोस्ती वर्ल्ड पॉलिटिक्स में सुर्खियां बटोरती रही हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में जापानी निवेश का हमेशा से बड़ा योगदान रहा है लेकिन आबे और मोदी के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच रिश्तों ने ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं। वह एक महान वैश्विक राजनेता, प्रशासक थे। उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।’
पीएम मोदी और पूर्व पीएम आबे ने लिया था संकल्प
पीएम मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की दोस्ती जगजाहिर है। प्रधानमंत्री रहते हुए जब शिंजो आबे भारत आए थे तो पीएम मोदी उन्हें 12 दिसंबर 2015 को वाराणसी दर्शन को लेकर आए। दोनों प्रधानमंत्रियों ने दशाश्वमेध घाट पर गंगाजल हाथ में लेकर विश्व की मंगलकामना का संकल्प लिया था।
गंगा आरती में शामिल हुए थे
इस दौरान शिंजो आबे का भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रति स्नेह सभी ने देखा था। दोनों ने मढ़ी में बैठकर एक घंटे से अधिक गंगा आरती देखी थी। तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजों की यह यात्रा भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा थी, जिसने दुनिया की महाशक्तियों को अपना अहसास दिलाया था।
अहमदाबाद में खुली जीप में रोड शो किया था
वहीं, 2017 में जब आबे अहमदाबाद आए तो पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी शानदार मेजबानी की। भारत के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए नींव रखी जानी थी और आबे अपनी पत्नी के साथ आए थे। आबे और उनकी पत्नी अहमदाबाद में एक खुली जीप पर सवार होकर रोड शो में भी शामिल हुए।
दोस्ती का प्रतीक है रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर
भारत-जापान की वर्षों से चली आ रही दोस्ती के प्रतीक रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर की नींव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखी थी। सेंटर को सांस्कृतिक व आधुनिक समागम के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। 186 करोड़ की लागत से तैयार सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित है। इसमें जापानी और भारतीय दोनों ही प्रकार की वास्तुशैलियों का संगम दिखता है। रुद्राक्ष कन्वेंशन की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कारपोरेशन कंपनी ने किया है। सारनाथ में भी जापानी मंदिर हैं।
भारतीय प्रधानमंत्रियों ने टोक्यो में की आबे से मुलाकात
शिंजो आबे कुल 5 बार भारत आए, तो उनके प्रधानमंत्री रहते हुए भारतीय प्रधानमंत्री भी 5 बार जापान के दौरे पर गए। सबसे पहले मनमोहन सिंह 2013 में जापान गए थे, उनके बाद PM मोदी चार बार जापान के दौरे पर गए।
शिंजो आबे सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा करने वाले जापानी पीएम थे। 2007 में पहले कार्यकाल के दौरान आबे जब भारत आए तो उन्होंने संसद को संबोधित किया था। संसद में दिया उनका भाषण ‘कन्फ्लुएंस ऑफ टू सीज़’ बाद में बेहद मशहूर हुआ। इसके बाद, उन्होंने 2014, 2015 और 2017 में भी भारत का दौरा किया। वह पहले जापानी पीएम थे, जो 2014 में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि थे। मनमोहन की यूपीए सरकार हो या मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार, दोनों से ही आबे के शानदार रिश्ते रहे।
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