
नई दिल्ली। भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को किसी भी आधिकारिक काम के लिए ChatGpt और DeepSeek जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के इस्तेमाल से बचने की सख्त हिदायत दी है। मंत्रालय ने इन टूल्स को सरकारी दस्तावेजों और डेटा की गोपनीयता के लिए खतरा बताया है।
29 जनवरी को जारी हुई एडवाइजरी
वित्त मंत्रालय ने 29 जनवरी को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कार्यालयों में सरकारी कंप्यूटर और अन्य डिवाइसों पर AI टूल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। मंत्रालय का मानना है कि ये टूल्स संवेदनशील सरकारी डेटा की सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं।
हालांकि, इस मामले पर अभी तक भारत के वित्त मंत्रालय, ChatGpt की पैरेंट कंपनी Open AI और DeepSeek के प्रतिनिधियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इसी हफ्ते AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने से संबंधित एडवाइजरी जारी की गई थी।
चीन का AI मॉडल है DeepSeek
DeepSeek चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी हांग्जो द्वारा विकसित AI मॉडल है। इसे विशेष रूप से ChatGpt को टक्कर देने के लिए लॉन्च किया गया है। इस चैटबॉट को बनाने में महज 6 मिलियन डॉलर की लागत आई है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह फ्री है।
हालांकि, DeepSeek को लेकर डेटा गोपनीयता को लेकर कई चिंताएं उठ रही हैं। कहा जा रहा है कि यह यूजर्स के डेटा को चीन स्थित अपने सर्वर पर स्टोर करता है, जिससे प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी पर गंभीर खतरा हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे कई देशों ने पहले ही डेटा सुरक्षा कारणों के चलते DeepSeek पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत बनाएगा अपना AI मॉडल
भारत सरकार AI टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि भारत अपने फाउंडेशनल AI मॉडल के साथ वैश्विक AI प्रतियोगिता में कदम रखने की योजना बना रहा है।
मंत्री के अनुसार, भारत में विकसित किए जाने वाले फाउंडेशनल मॉडल विश्व स्तरीय होंगे और अन्य बड़े AI मॉडलों से मुकाबला करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि एल्गोरिदमिक दक्षता के जरिए इन मॉडलों को कम समय में विकसित किया जा सकता है और अगले कुछ महीनों में भारत का पहला उन्नत AI मॉडल तैयार हो सकता है।
भारतीय सर्वरों पर होगा डेटा स्टोर
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि डेटा गोपनीयता की चिंताओं को देखते हुए, भारत सरकार अपने AI मॉडल को भारतीय सर्वरों पर होस्ट करने की योजना बना रही है। इससे विदेशी कंपनियों के AI टूल्स पर निर्भरता कम होगी और डेटा सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा।
डच प्राइवेसी वॉचडॉग कर रहा DeepSeek की जांच
DeepSeek की डेटा गोपनीयता नीतियों पर सवाल उठाए जाने के बाद, नीदरलैंड की डच गोपनीयता निगरानी संस्था ने इस AI मॉडल की जांच शुरू कर दी है।