Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच अब तेज हो गई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने इस मामले में दो अहम लोगों को हिरासत में लिया है। इनका नाम मनीष मिश्रा और संजय मिश्रा बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों को आज रायपुर कोर्ट में पेश किया जा सकता है, जहां से EOW इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।
EOW अधिकारियों को शक है कि मनीष और संजय मिश्रा के पास घोटाले में हुए पैसों के लेन-देन, हेराफेरी और कई जरूरी दस्तावेज़ों की जानकारी हो सकती है। इस वजह से उन्हें हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
शराब घोटाले की जांच में अब दो एजेंसियां – EOW और ED (प्रवर्तन निदेशालय) मिलकर काम कर रही हैं। दोनों एजेंसियां मिलकर घोटाले की हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
इससे पहले ED ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। उन्हें कस्टोडियल रिमांड पर लिया गया है और ED की टीम उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि चैतन्य बघेल से घोटाले में उनकी भूमिका, लेन-देन, और अन्य आरोपियों से संबंध को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं।
ED द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, चैतन्य बघेल की रिमांड 22 जुलाई को खत्म हो रही है। इसके बाद उन्हें मंगलवार दोपहर 3 बजे के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। ED आगे की रिमांड की मांग कर सकती है।
छत्तीसगढ़ में यह घोटाला सरकारी शराब बिक्री प्रणाली से जुड़ा है, जिसमें सरकारी अफसरों, नेताओं और शराब व्यापारियों की मिलीभगत से कई करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। आरोप है कि शराब की खरीदी और बिक्री में बड़े पैमाने पर कमीशनबाज़ी और अवैध वसूली हुई है।