Shivani Gupta
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Peoples Reporter
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
पल्लवी वाघेला-भोपाल। घरेलू हिंसा सर्वाइवर अनीता को पहले पिता और भाई बोझ कहते थे और मारपीट करते थे। शादी के बाद वही व्यवहार पति का था। खर्च के लिए तरसना पड़ता था। परेशान होकर एक दिन अनीता ने दोनों बच्चों के साथ घर छोड़ दिया और अब पति से कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। इस बीच उनके जीवन में सुखद बदलाव आया और अब थाने में शक्ति कैफे चला रही हैं। अनिता की तरह 25 से ज्यादा महिलाएं शक्ति कैफे का हिस्सा हैं। राजधानी के 18 थानों और कमिश्नर ऑफिस में ये कैफे संचालित हैं। घरेलू हिंसा सर्वाइवर्स के लिए यह पुलिस कमिश्नरेट, संगिनी महिला कल्याण समिति और एसबीआई की संयुक्त पहल है। इसमें उन्हें प्रशिक्षण के साथ मुद्रा लोन भी दिलाया गया है।
संगिनी की संचालक प्रार्थना मिश्रा बताती हैं कि घरेलू हिंसा सह रही महिलाएं खुद को लाचार महसूस करती हैं। ऐसे में जब वह इससे लड़ने की शक्ति जुटाती हैं तो आर्थिक आत्मनिर्भरता जरूरी हो जाती है। शक्ति कैफे चला रही महिलाएं थानों के ऑर्डर के साथ ही बाहर के ऑर्डर भी लेती हैं।
शक्ति कैफे महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के साथ ही हिंसा रोकने योजना भी है। यह महिलाएं अन्य पीड़ित महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन रही हैं। - डॉ. विनीत कपूर, पीएसओ टू डीजीपी
कैफे अच्छा चल रहा है। मैंने अपनी मदद के लिए एक अन्य महिला को भी रखा है। मैंने अपने खर्च की खातिर शादी के बाद से दूसरों के यहां काम किया है। अब अच्छा लगता है यह सोचकर कि मैं किसी को काम देने वाली बन पा रही हूं। - मीना भट्ट, शक्ति कैफे, अरेरा हिल्स थाना
हमारी कोशिश यह रहती है कि लोगों को अच्छा खाना थाना परिसर में दे सकें। इसी कोशिश में हूं कि काम इतना अच्छा हो जाए कि अपने बच्चों को बेहतर भविष्य दे सकूं। - पूजा मीणा, शक्ति कैफे, आनंद नगर थाना