
नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कई ऐसे फैसले लिए, जिन्होंने अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया को चौंका दिया। उनके फैसलों में टैरिफ नीति, अवैध अप्रवासी विरोधी अभियान और ग्रीनलैंड को खरीदने जैसे मुद्दे शामिल रहे। इन फैसलों को लेकर देश के भीतर बहस छिड़ गई है। इस बीच, डेमोक्रेटिक रणनीतिकार जेम्स कार्विल ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि ट्रंप सरकार 30 दिनों से भी कम समय में गिर सकती है।
डेमोक्रेटिक रणनीतिकार का दावा
अमेरिका के वरिष्ठ डेमोक्रेटिक रणनीतिकार जेम्स कार्विल ने दावा किया कि ट्रंप प्रशासन के फैसलों से जनता में असंतोष बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह प्रशासन 30 दिनों से भी कम समय में गिर सकता है। देश की जनता ट्रंप प्रशासन से थक चुकी है। कार्विल ने खासतौर पर ट्रंप की आव्रजन नीति और ट्रांसजेंडर अधिकारों को प्रभावित करने वाले फैसलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिका में अस्थिरता का माहौल बन गया है। साथ ही, एलन मस्क को प्रशासन का हिस्सा बनाने के फैसले के बाद कई लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेटिक रणनीतिकार के दावों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रथ” पर लिखा, “मैंने राष्ट्रपति चुनाव में भारी जीत हासिल की, सभी स्विंग राज्यों में जीत दर्ज की। अब मेरे पास अब तक के सबसे अच्छे मतदान नंबर हैं।”
उन्होंने जेम्स कार्विल और डेमोक्रेट नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जेम्स कार्विल जैसे टूटे-फूटे हारे हुए लोग, जो दिमाग और शरीर से कमजोर हैं, पागल हो रहे हैं। वे यह नहीं जानते कि क्या करना है। हमने अमेरिका को फिर से महान बनाने का संकल्प लिया है और हम इसमें बड़ी सफलता प्राप्त कर रहे हैं।”
ट्रंप प्रशासन के फैसलों से जनता में विभाजन
ट्रंप प्रशासन के कई फैसलों को लेकर अमेरिका में जनता दो हिस्सों में बंट गई है।कई अमेरिकी ट्रंप की सख्त आव्रजन नीति और आक्रामक आर्थिक सुधारों का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और अवैध प्रवासियों की संख्या कम होगी। दूसरी ओर, कई लोग उनकी नीतियों को असंवेदनशील और विभाजनकारी मानते हैं। उनके फैसलों से प्रवासी समुदायों और अल्पसंख्यकों में नाराजगी बढ़ गई है।
ट्रंप के फैसलों पर अदालत की भी नजर
ट्रंप प्रशासन के कई फैसलों को अदालत में भी चुनौती दी जा रही है। खासतौर पर आव्रजन प्रतिबंध और ट्रांसजेंडर अधिकारों से जुड़े फैसले कानूनी पचड़ों में फंस सकते हैं। इससे नीतियों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।
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