Manisha Dhanwani
27 Dec 2025
Manisha Dhanwani
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Manisha Dhanwani
26 Dec 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस का मुद्दा उठाकर वैश्विक राजनीति को गरमा दिया है। ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस नहीं देता है, तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। ट्रंप की इस खुली चेतावनी पर तालिबान सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है और अमेरिका की किसी भी सैन्य वापसी को सिरे से खारिज कर दिया है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस उन लोगों को नहीं देता जिन्होंने इसे बनाया यानी अमेरिका को, तो बुरी चीजें होंगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर अफगान अधिकारियों से बातचीत चल रही है और अमेरिका जल्द ही इस बेस को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। ट्रंप के मुताबिक, बगराम की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यह चीन के परमाणु हथियार निर्माण केंद्र से महज एक घंटे की दूरी पर स्थित है।
ट्रंप की इस धमकी पर तालिबान ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। तालिबान के विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि अफगानिस्तान और अमेरिका आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर संबंध बना सकते हैं, लेकिन अमेरिका को किसी भी तरह की सैन्य उपस्थिति की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बगराम एयरबेस लगभग दो दशक तक नाटो सेनाओं और अमेरिकी सैनिकों का सबसे बड़ा केंद्र रहा। 2001 के 9/11 हमलों के बाद अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन के दौरान यही बेस अमेरिकी सेना की रणनीतिक धुरी बना। यहां सैनिकों के लिए बर्गर किंग और पिज्जा हट जैसी सुविधाएं थीं, साथ ही दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर अफगानी कालीन तक बिकते थे। इस एयरबेस में एक विशाल जेल परिसर भी था।
ट्रंप ने दावा किया है कि, बगराम एयरबेस चीन के परमाणु हथियार केंद्रों की निगरानी के लिहाज से रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि वह लगातार इसके नियंत्रण की मांग कर रहे हैं। ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि अमेरिका को पनामा नहर से लेकर ग्रीनलैंड तक कई जगहों पर फिर से मजबूत उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए।
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर अमेरिका दोबारा बगराम पर कब्जा करने की कोशिश करता है तो यह बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। इसके लिए कम से कम 10,000 सैनिकों और एडवांस डिफेंस सिस्टम की तैनाती करनी होगी। साथ ही, तालिबान, अल-कायदा और आईएस जैसे आतंकी संगठनों से लगातार खतरा बना रहेगा।
इसके अलावा, यह बेस ईरान से आने वाले उन्नत मिसाइल हमलों के प्रति भी संवेदनशील है, जो अमेरिका के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
ट्रंप ने इस पूरे मसले पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी को पूरी तरह गड़बड़ा दिया और बगराम एयरबेस को छोड़ना “पूर्ण आपदा” साबित हुआ।