Shivani Gupta
29 Sep 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (29 सितंबर, 2025) को पूरी दुनिया की फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर देने वाला ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका के बाहर बनी हर फिल्म पर 100 प्रतिशत टैरिफ (आयात शुल्क) लगाया जाएगा। यह फैसला न केवल भारतीय फिल्म इंडस्ट्री बल्कि हॉलीवुड समेत पूरी वैश्विक फिल्म दुनिया के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
अमेरिका में भारतीय फिल्मों की कमाई पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। कोरोना महामारी से पहले जहां भारतीय फिल्मों का अमेरिकी बाजार लगभग 8 मिलियन डॉलर का था, वहीं महामारी के बाद यह बढ़कर 20 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। ट्रंप के इस नए टैरिफ से भारतीय फिल्मों की कमाई में भारी गिरावट आने की आशंका है। अमेरिका में बॉलीवुड और साउथ फिल्मों की लोकप्रियता हाल के वर्षों में लगातार बढ़ रही थी, लेकिन अब वहां रिलीज होने वाली भारतीय फिल्मों का बजट और टिकट प्राइस दोनों बढ़ सकते हैं।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका से हमारे फिल्म बनाने का बिजनेस दूसरे देशों ने चुरा लिया है, ठीक वैसे ही जैसे किसी बच्चे से कैंडी छीन ली जाती है। कैलिफोर्निया अपने कमजोर और अयोग्य गवर्नर के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसलिए इस लंबे समय से चले आ रहे और कभी न खत्म होने वाली समस्या को हल करने के लिए मैं अमेरिका के बाहर बनाई गई सभी फिल्मों पर 100 परसेंट टैरिफ लगाने जा रहा हूं। MAKE AMERICA GREAT AGAIN!”
ट्रंप का यह बयान अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि हॉलीवुड की कमाई का बड़ा हिस्सा विदेशी बाजारों और अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्शन से आता है।
इस टैरिफ का असर केवल भारतीय फिल्मों पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि हॉलीवुड स्टूडियोज़ और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए भी यह एक बड़ा झटका होगा। आज फिल्मों का निर्माण केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। शूटिंग, फंडिंग, पोस्ट-प्रोडक्शन और वीएफएक्स का काम कई देशों में होता है। ऐसे में यह तय करना मुश्किल होगा कि किस फिल्म को "विदेशी" माना जाए और उस पर टैक्स लगाया जाए।
Warner Bros Discovery, Comcast, Paramount, Skydance और Netflix जैसी बड़ी कंपनियां फिलहाल इस फैसले पर चुप हैं, लेकिन इंडस्ट्री में डर और असमंजस का माहौल है।
व्यापार और कानून विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के खिलाफ हो सकता है। फिल्में बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) और ग्लोबल सर्विस ट्रेड (Global Service Trade) का हिस्सा मानी जाती हैं। अमेरिका खुद इस क्षेत्र में विदेशी बाजारों से भारी मुनाफा कमाता है। ऐसे में विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाना वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
इसके अलावा, आजकल कई फिल्में को-प्रोडक्शन (संयुक्त निर्माण) के जरिए बनती हैं। यानी एक फिल्म में कई देशों का निवेश होता है। ऐसे में यह तय करना और भी मुश्किल होगा कि किस फिल्म को विदेशी श्रेणी में रखा जाए।
ट्रंप के इस ऐलान का सीधा असर शेयर बाजार पर भी दिखा। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग दिग्गज नेटफ्लिक्स के शेयर शुरुआती कारोबार में ही करीब 1.5% गिर गए। हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से अब तक इस टैरिफ की कानूनी प्रक्रिया और लागू होने की तारीख को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह कदम अमेरिका में कारोबार को महंगा और जोखिमभरा बना सकता है। वितरकों को टिकट की कीमत बढ़ानी पड़ सकती है, जिससे दर्शकों की संख्या पर असर पड़ेगा। साथ ही भारतीय प्रोडक्शन हाउस को अमेरिका में रिलीज के लिए अतिरिक्त टैक्स और कानूनी औपचारिकताओं से गुजरना पड़ सकता है।