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हर्षित चौरसिया-जबलपुर। दो दिल मिल रहे हैं चुपके... चुपके की तर्ज पर प्यार करने वाले युवकों और युवतियों के जोड़े अब जेंडर डिसऑर्डर जैसे मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं। हालात ये हैं कि जेंडर डिसऑर्डर से पीड़ित युवक अपने साथी युवक के लिए पूरी तरह प्रेमिका के रूप में नजर आना चाहता है। इसके लिए होने वाली सर्जर्री से लेकर सभी स्थितियों को अपनाने के लिए तैयार है, लेकिन उसकी जिद साथी युवक की परेशानी का सबब बन रही है। ऐसे केस अब मेडिकल कॉलेज में ज्यादा आना शुरू हो गए हैं। इस तरह के केस को देख चिकित्सक भी हैरान हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पीड़ित जल्दी सामने नहीं आते। जब प्रेमी या प्रेमिका बनने के लिए मानसिक तनाव बढ़ जाता है, तब ये डॉक्टर्स के पास पहुंचते हैं।
मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में उत्तर प्रदेश के औरेया जिले से संजय अपने प्रेमी विजय (बदले हुए नाम) के साथ पहुंचा। यहां पर विजय ने बताया कि संजय जेंडर बदलवाने की जिद कर रहा है। संजय का कहना था कि वह विजय के लिए पूरी तरह से संजना बनना चाहता है। इसके लिए चाहे कितना भी पैसा लगे, वह अपनी सर्जरी कराएगा, तभी विजय से शादी करेगा। सर्जरी के लिए वे मुंबई जाएंगे, इसमें करीब 5-7 लाख रुपए खर्च होंगे। दोनों ही जबलपुर के एक होटल में काम करते हैं। उनकी प्रेम कहानी यहीं से शुरू हुई।
मेडिकल कॉलेज में कटनी जिले से आई नेहा अपनी गर्लफ्रेंड दीपाली (बदले हुए नाम) को लेकर पहुंची। यहां नेहा ने डॉक्टर्स को बताया कि दीपाली जेंडर चेंज कराकर दीपेश दिखना चाहती है। इसके लिए दीपाली को हर वक्त पैसे कमाने का जुनून सवार हो गया है। मेडिकल कॉलेज में अभी दीपाली की काउंसिलिंग हर माह की जा रही है। नेहा ने डॉक्टर्स को बताया कि उनकी दोस्ती कॉलेज में पढ़ते समय हुई थी। इस बीच उनके बीच प्रेम संबंध बन गए और उन दोनों ने एक साथ जीवन जीने की कसम खाई है।
जेंडर डिसऑर्डर के मामले बढ़ना शुरू हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज में हर दो से तीन माह में एक केस आ रहा है। हम काउंसलिंग करने के साथ उन्हें उपचार भी प्रदान कर रहे हैं। -डॉ. ओपी रायचंदानी, विभागाध्यक्ष मानसिक रोग विभाग, मेडिकल कॉलेज, जबलपुर