ताजा खबरराष्ट्रीय

ED के छठे समन पर भी पेश नहीं हुए दिल्ली के सीएम केजरीवाल, कोर्ट में शिकायत दर्ज, आप ने समन को बताया अवैध, कहा- कोर्ट के फैसले का करें इंतजार

नई दिल्ली। आबकारी घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में आप संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को छठा समन भेजा, जिसे नजरअंदाज करने पर सोमवार को जांच एजेंसी ने केजरीवाल के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई।

ईडी ने छठी बार समन भेजकर आज केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया। ईडी इससे पहले भी पांच बार केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है। आम आदमी पार्टी ने ईडी के छठे समन को ‘अवैध’ बताते हुए कहा कि एजेंसी को केजरीवाल को बार-बार समन भेजने के बजाय कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।

समन की जानबूझकर अवज्ञा की : ईडी

ईडी सूत्रों के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के तहत दायर शिकायत में केजरीवाल को जारी किए गए शुरुआती तीन समन पर उन्हें ‘जानबूझकर’ इसकी अवज्ञा करने का हवाला दिया गया है। इस बीच, आप ने दोहराया कि केजरीवाल को भेजे गए समन ‘गैर कानूनी’ थे। उन्होंने कहा कि मामला अदालत में है, इसलिए एजेंसी को केजरीवाल को बार-बार समन भेजने के बजाय अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। ईडी ने 14 फरवरी को केजरीवाल को छठा समन जारी किया था और उन्हें आज पेश होने का निर्देश दिया गया था।


कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे केजरीवाल

इससे पहले 17 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 16 मार्च तक ईडी के समन पर कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी थी। अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेश होने के दौरान केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली विधानसभा में चल रही अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और एक मार्च को समाप्त होने वाले बजट सत्र के कारण वह व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश नहीं हो सके। केजरीवाल ने आश्वासन दिया कि वह एक मार्च के बाद उपलब्ध रहेंगे। यह भी कहा गया कि केजरीवाल अदालत के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख 16 मार्च को उपस्थित होंगे।

ईडी के 5 समन पर भी पेश नहीं हुए केजरीवाल

आप प्रमुख इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के ओर से भेजे गए पांच समन पर कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए थे। ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इससे पहले दो फरवरी, 18 जनवरी, तीन जनवरी, 22 दिसंबर, 2023 और दो नवंबर, 2023 को समन भेजा था, लेकिन केजरीवाल एक बार फिर ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे थे।

जांच में सहयोग करना चाहिए : सचदेवा

इस घटनाक्रम पर भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि अदालत ने भी माना है कि केजरीवाल को ईडी की ओर से भेजा गया समन वैध था और उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए। सचदेवा ने कहा कि यदि केजरीवाल अदालत के बयान के बावजूद ईडी के समन को अवैध बताते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी। केजरीवाल द्वारा किया गया भ्रष्टाचार जल्द ही जनता के सामने आ जाएगा।

इस मामले में अब तक आप नेता सिसोदिया और सिंह के अलावा पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी द्वारा उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को नया समन जारी करने की उम्मीद है।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

ये भी पढ़ें- कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए CM केजरीवाल, ED समन की अनदेखी पर सवाल, 16 मार्च को अगली सुनवाई

संबंधित खबरें...

Back to top button