Priyanshi Soni
22 Oct 2025
Priyanshi Soni
22 Oct 2025
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22 Oct 2025
Peoples Reporter
22 Oct 2025
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामे के साथ हुई। विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। सरकार ने इन मुद्दों पर चर्चा की सहमति दे दी है। लोकसभा में इस पर 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे बहस का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और पूरे तथ्यों के साथ देश के सामने अपना पक्ष रखेगी।
मानसून सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। लोकसभा में कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन के सांसदों ने ‘पहलगाम आतंकी हमला’ और हाल ही में सेना द्वारा अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन मसलों पर सीधे जवाब देने की मांग की। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पूरे दिन में चार बार स्थगित करनी पड़ी और अंततः लोकसभा को शाम 4 बजे मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकी न तो पकड़े गए हैं और न ही मारे गए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने स्वयं इंटेलिजेंस फेलियर की बात स्वीकारी है। इसके साथ ही खड़गे ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार किए जा रहे भारत-पाक युद्ध हमने रोकने वाले दावे पर भी सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जेपी नड्डा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की मंशा पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर दोनों पर विस्तार से चर्चा को तैयार है और जनता के सामने सभी तथ्यों को रखा जाएगा। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि संसद को चलने दिया जाए ताकि देशहित के मुद्दों पर रचनात्मक बहस हो सके।
संसद के पहले दिन ही विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को हटाने की मांग की गई है। इस महाभियोग प्रस्ताव पर लोकसभा के 145 और राज्यसभा के 63 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, इसकी संवैधानिक प्रक्रिया लंबी और जटिल है और सरकार ने अभी इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सत्र के पहले दिन राज्यसभा ने ‘बिल ऑफ लैडिंग बिल, 2025’ पारित कर दिया। यह नया कानून 1856 के पुराने ‘भारतीय बिल्स ऑफ लैडिंग एक्ट’ की जगह लेगा। यह बिल समुद्री मार्ग से किए गए माल-परिवहन के लिए एक वैधानिक दस्तावेज प्रदान करता है, जो यह प्रमाणित करता है कि माल जहाज पर लाद दिया गया है। यह बिल मार्च में लोकसभा से पहले ही पास हो चुका था।
पहले दिन ही संसद में ‘इनकम टैक्स बिल’ पर बनी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट भी पेश की गई। यह बिल 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेने जा रहा है। समिति ने 285 सुझाव दिए हैं और कुल 622 पन्नों में इसकी रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें प्रस्ताव दिया गया है कि व्यक्तिगत करदाताओं को बिना जुर्माना दिए निर्धारित तारीख के बाद भी रिटर्न दाखिल कर TDS रिफंड का दावा करने की अनुमति मिले। साथ ही धार्मिक व चैरिटेबल संस्थानों को मिलने वाले गुमनाम दान पर टैक्स छूट बरकरार रखी जाए।
संसद का यह मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा और इसमें कुल 18 बैठकें होंगी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते 13 और 14 अगस्त को संसद की कार्यवाही नहीं होगी। इस दौरान 8 नए विधेयक पेश किए जाएंगे और 7 पुराने लंबित विधेयकों पर चर्चा प्रस्तावित है। इनमें मणिपुर GST संशोधन बिल 2025, इनकम टैक्स बिल और नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल शामिल हैं।
सत्र शुरू होने से पहले INDIA गठबंधन की एक रणनीतिक बैठक हुई थी जिसमें तय किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाक संघर्षविराम, ट्रम्प के दावे, बिहार की वोटर लिस्ट जैसे मुद्दों को आधार बनाकर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री सदन में आकर इन गंभीर मसलों पर सीधा और पारदर्शी जवाब दें।