Hemant Nagle
22 Dec 2025
Naresh Bhagoria
22 Dec 2025
Naresh Bhagoria
22 Dec 2025
इंदौर – मंगलवार दोपहर छोटी ग्वालटोली थाना क्षेत्र के सरवटे बस स्टैंड पर इंदौर से सनावद जाने वाली बस में एक महिला द्वारा नवजात बच्चे को छोड़ जाने की घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। घटना के बाद रोजाना सैकड़ों लोग थाने पहुंचकर बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया जानने आ रहे हैं।वहीं पुलिस लगातार नवजात को उसके परिवार से मिलवाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।पुलिस के अनुसार, जिस महिला और पुरुष ने ऑटो से उतरकर बच्चे को बस में छोड़ा था, उनकी तलाश की जा रही है।ऑटो का पता पुलिस ने ट्रेस कर लिया है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में नंबर स्पष्ट नहीं दिखने के कारण रूट की जांच की जा रही है। अब तक पुलिस 50 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगाल चुकी है।
लड़के के मोह में थाने की ओर दौड़ते दंपति
थाने में मिले नवजात लड़के को गोद लेने के लिए मीडिया में खबर आने के बाद सैकड़ों दंपति संपर्क कर रहे हैं। शहर के बाहर से कुछ पुलिसकर्मी और आर्मी के रिटायर्ड अधिकारी भी बच्चे को अपनाने की इच्छा जता चुके हैं।चूंकि नवजात लड़का है, इसलिए लगभग सभी दंपतियों की रुचि दिखाई दे रही है।थाने पहुंचने वाले कई दंपतियों की पहले से एक या दो बेटियां हैं।कुछ लोगों का मानना है कि यह उत्साह केवल नवजात के लड़का होने के कारण है।
कैसे हुआ खुलासा — बस में अकेला मिला मासूम
पुलिस के अनुसार, घटना मंगलवार दोपहर करीब 1 से डेढ़ बजे के बीच की है।
रोज की तरह अमर-ज्योति ट्रेवल्स की बस इंदौर से सनावद जाने के लिए यात्रियों से भर रही थी। कंडक्टर यात्रियों को आवाज लगाते हुए बस में घूम रहा था।इसी दौरान उसे एक सीट पर मासूम नवजात बच्चा दिखा।उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी।पुलिस ने बस को सीधे थाने बुलवा लिया।ड्राइवर, कंडक्टर और यात्रियों से पूछताछ के बाद जब कोई जानकारी नहीं मिली, तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले।फुटेज में एक ऑटो से उतरे एक पुरुष और महिला को गोद में बच्चे के साथ बस स्टैंड में प्रवेश करते देखा गया।बस स्टैंड में आते ही महिला ने बच्चे को बोतल से दूध पिलाया, जबकि पुरुष बसों की दिशा में झांकता रहा।जैसे ही सनावद की बस रवाना होने लगी, दोनों ने बच्चे को सीट पर छोड़ा और वहां से गायब हो गए।पुलिस का कहना है, बच्चे को दूध पिलाने की घटना से लग रहा है कि महिला शायद बच्चे की जन्मदाता मां नहीं थी,लेकिन इस संबंध में कोई ठोस प्रमाण बच्चे के परिजन मिलने के बाद ही स्पष्ट होगा।