जबलपुरमध्य प्रदेश

महापौर की सराहनीय पहल, साल के अंत तक लग जाएंगे एसटी प्लांट

दशकों से नर्मदा भक्तों की आस्था पर प्रहार कर रहे हैं मिलने वाले गंदे नाले

जबलपुर। विगत कई दशकों से नर्मदा में मिलने वाले 13 नाले श्रद्धालुओं की आस्था पर प्रहार करते आ रहे हैं। नगर निगम के पिछले 2 महापौरों ने इसके लिए आंशिक प्रयास भी किए मगर अब वर्तमान महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने इस समस्या को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया है जिससे नर्मदा भक्तों को बरसों पुरानी इस समस्या और दंश से मुक्ति दिला सकता है। महापौर ने नर्मदा में मिलने वाले सभी 13 नालों पर 17.5 करोड़ रुपए से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए टेंडर कर दिए हैं। वर्षांत तक ये सभी प्लांट लग जाएंगे।

वर्ष 2012 में तत्कालीन महापौर प्रभात साहू ने नर्मदा के ग्वारीघाट में 1 लाख लीटर का प्लांट लगाया था जो ग्वारीघाट में मिलने वाले नाले के पानी को शोधित करता था। इससे नर्मदा में इस नाले का शोधित पानी ही जाता था व अशोधित पानी को बगीचे में बागवानी के काम में लिया जाता था। इसके उपरांत 2016 में महापौर रहीं स्वाती गोडबोले ने इस प्लांट को और अपडेट करते हुए साढ़े 5 लाख लीटर का किया। उनके कार्यकाल में खंदारी,शाहनाला में एसटीपी प्लांट लगने का काम भी शुरू हुआ। इसके बावजूद दर्जन भर नाले नर्मदा में मिलते रहे।

प्रथम संकल्प लिया

वहीं वर्तमान महापौर श्री अन्नू ने अपने चुनावी वादे से लेकर कार्यभार संभालने तक में जो पहला संकल्प लिया वह नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों को रोकने का था। इस दिशा में वे पहले दिन से ही जुट गए और पहली फाइल उन्होंने इस संबंध में हस्ताक्षरित की। अब उनके कार्यकाल के करीब 9 माह हो रहे हैं,इस बीच उन्होंने लगातार इस बारे में फॉलोअप लिया और 17.5 करोड़ की भारीभरकम राशि से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के टेंडर करवा लिए हैं,जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

ये हैं प्रमुख नाले

जमतरा में गौर,भटौली नर्मदा कुंड के पास,दरोगा घाट,ललपुर में कॉलोनियों से जुड़ा नाला,खंदारी नाला आदि शामिल हैं। इन सभी पर एसटीपी प्लांट लगेंगे जिससे प्रदूषित पानी नर्मदा में प्रवाहित न हो सके।

ऐसे करेंगे काम

इन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को नर्मदा में मिलने के पूर्व नालों पर लगाया जाएगा जहां प्रदूषित पानी को शोधित होने और पीने योग्य हो जाने के बाद ही नर्मदा में मिलने दिया जाएगा। बाकी निकलने वाले प्रदूषित पानी को अन्य उपयोग में लिया जा सकता है। इसकी इसकी गाद या सिल्ट को खाद के रूप में बनाया जाएगा,जिसे नगर निगम के उद्यानों में बागवानी के प्रयोग में लिया जाएगा।

टेंडर जारी किए

मेरा प्रयास है कि वर्षांत तक नर्मदा में एक भी नाले का प्रदूषित पानी नहीं जाएगा। इसके लिए 17.5 करोड़ रुपए की लागत से एसटीपी प्लांट लगाने के लिए टेंडर कर दिए गए हैं। -जगत बहादुर सिंह अन्नू,महापौर

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