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Kuno National Park : चीता प्रोजेक्ट को जिंदा रखने की मुहिम, वापस बाड़े में भेजे बचे हुए चीते, कीड़े पड़ने के बाद कॉलर आईडी भी हटाए

भोपाल/श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौतों के कारण चीता प्रोजेक्ट खतरे में आ गया। कूनो में अब तक 5 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। इसी बीच 3 चीतों में संक्रमित पाए गए, जिसने वन विभाग की नींद उड़ा दी। वहीं अब चीतों को खुले जंगल से पकड़ कर बाड़े में शिफ्ट किया गया है।

बाड़े के अंदर सभी चीतों का मेडिकल चेकअप भी शुरू हो गया है, जिसमें कूनो की टीम, नामीबिया और साउथ अफ्रीका के एक्सपर्ट के साथ जांच कर रही है। साथ ही 6 चीतों की रेडियो कॉलर भी हटाए गए हैं। बाड़े में अभी 11 चीता हैं, जिनमें 6 नर और 5 मादा हैं।

बिना कॉलर आईडी के बंद रहेंगे चीते

कूनो के खुले जंगल में घूमने वाले 11 चीतों में से अब तक 7 चीतों को बड़े बाड़े में शिफ्ट किया है। वहीं पहले से ही 4 चीते बाड़े में बंद हैं, जो की स्वास्थ हैं। खुले जंगल से अब तक नामिबिया और साउथ अफ्रीका के गौरव, शोर्य, पवन, आशा, धीरा, गामिनी और पवक नाम के चीतों को बाड़े में शिफ्ट करते हुए उनके गले से कॉलर आईडी हटाई गई। जल्द ही खुले जंगल से 4 और चीतों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बाड़े में कैद किया जाएगा और उनकी भी कॉलर आई डी हटाई जाएगी। फिलहाल, सभी चीतों को बिना कॉलर आईडी के ही बाड़े में रखा जाएगा।

चीते ओबान के घाव में पड़ गए थे कीड़े

नर चीते तेजस और सूरज की गर्दन पर मिले घाव के बाद सभी चीतों के गले से कॉलर आईडी हटाई जा रही है। संक्रमित पाए जाने पर जब चीते ओबान की कॉलर आईडी को हटाया गया तो वन अधिकारी भौंचक्‍के रह गए, चीते के शरीर पर गहरा जख्‍म हो गया था। चीते के शरीर पर मिले गहरे घाव में कीड़े तक पड़ चुके। फिलहाल, उसका इलाज किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट भी तीन दिन पहले चीतों की मौत पर चिंता जाहिर कर चुका है। गुरुवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा, राजनीति से ऊपर उठकर कूनो से कुछ चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए। क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई अच्छी जगह ढूंढते हैं? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी दल की सत्ता है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इस प्रस्ताव पर विचार न करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अफ्रीका – नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है। मौत का यह आंकड़ा कोई अच्छी बात नहीं है।’

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अब तक 5 चीते और तीन शावक की मौत

कूनो नेशनल पार्क में अब तक दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक यह 8 वीं मौत है। इसके अलावा यहां पैदा हुए 5 शावक में से तीन शावक भी दम तोड़ चुके हैं।

जानें कब-कब हुई मौतें

  • सबसे पहले 27 मार्च 2023 को मादा चीता साशा की मौत हुई थी। साशा की मौत किडनी इन्फेक्शन से हुई।
  • 23 अप्रैल 2023 को साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीता उदय की मौत हुई थी।
  • 9 मई 2023 को मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत हो गई थी। दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था।
  • 23 मई 2023 को मादा चीता ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई।
  • 25 मई 2023 को मादा चीता ज्वाला के दो और शावकों ने दम तोड़ दिया था।
  • 11 जुलाई 2023 को एक और चीते तेजस की मौत हो गई।
  • 14 जुलाई 2023 को चीते सूरज की मौत हो गई।

नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए चीते

भारत में चीतों की आबादी को फिर से बसाने के लिए 8 चीतों को नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को इन्हे विशेष बाड़ों में छोड़ा। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल थे। इस साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते (7 नर और 5 मादा) कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे।

कूनो में चार शावकों के जन्म के बाद चीतों की कुल संख्या 24 हो गई थी, लेकिन 8 मौतों के बाद यह संख्या घटकर 16 रह गई है। इससे पहले भारत में चीतों को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

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