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उज्जैन, मंदसौर और रीवा में जश्न

कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर मिठाइयां बांटीं, सीएम-डिप्टी सीएम के घर बधाई देने वालों का तांता लगा

उज्जैन/भोपाल। सोमवार को उज्जैन में उत्सव का माहौल था क्योंकि मोहन यादव सीएम बन गए हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे संघर्षशील हैं। जनता के मुद्दों पर वे सड़क पर कई बार उतर चुके हैं। उन्हें विजनरी वाला नेता भी माना जाता है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान ही उज्जैन में वेदशाला, तारामंडल, विक्रमादित्य पीठ की स्थापना हुई। हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर हर साल उज्जैन में होने वाले विक्रमोत्सव को भव्य स्वरूप देने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।

नगर निगम अध्यक्ष और मोहन यादव की बहन कलावती यादव ने कहा कि खुशी की बात है। एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। अभी तक मोहन को जो जिम्मेदारी दी गई है, उन्होंने पूरी की है। चाहे वह विकास प्राधिकरण की हो, पर्यटन विकास निगम की हो संगठन की हो या चाहे विधायक, मंत्री की, उन्होंने बखूबी निभाया है। वे अपना आदर्श विक्रमादित्य को मानते हैं। भाजपा परिश्रम करने वाले कार्यकर्ताओं का ध्यान रखती है। उनकी मेहनत को ध्यान में रखकर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बाबा महाकाल को धन्यवाद : पुत्र वैभव यादव

मोहन यादव के बेटे वैभव यादव ने कहा कि शहर में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ताओं में खुशी है। बाबा महाकाल की असीम कृपा रही कि पहली बार सीएम उज्जैन से चुना गया है। बाबा महाकाल को धन्यवाद। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि पिताजी को सीएम पद पर चुना गया है। वे जनता के साथ और जनता के बीच में रहने वाले व्यक्ति हैं।

समर्थक बोले- अब 200 की स्पीड से होगा विकास

देवड़ा का नाम सामने आने के बाद समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी करते हुए एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाया। वे बोले- बाबा महाकाल की नगरी से मुख्यमंत्री तो बाबा पशुपतिनाथ की नगरी से उप मुख्यमंत्री बना। अब 200 की स्पीड से मध्यप्रदेश में विकास की गाड़ी दौड़ेगी। यह हमारे लिए फर्क की बात है।

लोग बोले- अब रीवा को इंदौर जैसा महानगर बनने से कोई नहीं रोक सकता

रीवा से पांचवीं बार निर्वाचित हुए विधायक राजेंद्र शुक्ल को डिप्टी सीएम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। भाजपा कार्यालय सहित शहर के अलग-अलग हिस्सों में लोगों द्वारा इस खुशी के मौके पर जमकर आतिशबाजी करते हुए मिठाइयां बांटी गई। स्थानीय लोगों का मानना है कि राजेंद्र शुक्ल के डिप्टी सीएम बनने के बाद रीवा जिला सहित संपूर्ण विंध्य क्षेत्र में समुचित विकास की अविरल धारा बहेगी। अब इंदौर की तर्ज पर रीवा को महानगर बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।

घोषणा से पहले शिवराज, प्रहलाद और सिंधिया के पक्ष में हुई नारेबाजी

विधायक दल की बैठक के लिए भाजपा मुख्यालय में सुबह से ही सरगर्मी बढ़ गई थी। वर्षों बाद कार्यालय में इतनी संख्या में लोगों का हुजूम एकत्र हुआ। प्रदेश के कई जिलों से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं के समर्थक भोपाल पहुंचे थे। सीहोर जिले के कार्यकर्ता शिवराज सिंह चौहान को पुन: कमान सौंपने संबंधी पोस्टर लहरा रहे थे। कुछ लोग केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रहलाद पटेल के पोस्टर भी हाथों में लिए थे। भाजपा मुख्यालय पहुंचने पर पर्यवेक्षकों और नवनिर्वाचित विधायकों का स्वागत किया गया।

हवाई अड्डे पर भी पर्यवेक्षकों का कलाकारों ने पारंपरिक लोकनृत्य व संगीत से स्वागत किया। विधायक दल की बैठक से पहले पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पर्यवेक्षक हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण एवं भाजपा सचिव आशा लाकड़ा के साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद की अनौपचारिक बैठक हुई।

भाजपा मुख्यालय पर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य माखन सिंह राजपूत और सीहोर जिले से आए राजेश विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने शिवराज के पक्ष में नारे लगाए। ये लोग हाथों में पोस्टर लिए थे- मामा को वोट दिया है मामा को ही जानते हैं…इसी तरह कुछ लोग प्रहलाद पटेल के समर्थन में पोस्टर लहरा रहे थे। जैसे ही मोहन यादव को नेता चुने जाने का ऐलान हुआ पार्टी मुख्यालय के सामने ढोल- ढमाके बजने लगे।

नरेंद्र सिंह तोमर, विस स्पीकर

उम्र : 65, शिक्षा : बीए विधानसभा क्षेत्र : दिमनी- 1983 में पार्षद बने। 1998 में ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव जीते। 2003 में भाजपा सरकार में मंत्री बने। 2014 से अब तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे।

मध्यप्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रहे। मोदी कैबिनेट का पुराना चेहरा हैं, इसलिए मोदी से नजदीकी है। प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं वहीं संगठन में मजबूत पकड़ है। शिवराज के भरोसेमंद माने जाते हैं। 2008 और 2013 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते भाजपा को विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। उनकी छवि तेज तर्रार नेताओं में हैं।

राजेंद्र शुक्ल, डिप्टी सीएम

उम्र : 58, शिक्षा : बीई विधानसभा क्षेत्र : रीवा- 2003 में पहला विधानसभा चुनाव जीते, और आवास एवं पर्यावरण मंत्री बने। 2008 में खनिज संसाधन एवं 2013 में उद्योग मंत्री बनाए गए। अभी जनसंपर्क मंत्री थे।

11 विभागों के रह चुके हैं मंत्री

राजेंद्र शुक्ल ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यहीं वे अपने कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए थे। 2003 में रीवा से पहला चुनाव जीतने के बाद वे लगातार विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते रहे। उन्होंने चार बार मंत्री बनकर 11 विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभाली। शुक्ला पहली बार आवास एवं पर्यावरण राज्य मंत्री बने।

जगदीश देवड़ा, डिप्टी सीएम

उम्र: 66, शिक्षा: एमए एलएलबी विधानसभा क्षेत्र: मल्हारगढ़- 1979 में शासकीय महाविद्यालय रामपुरा के छात्र संघ अध्यक्ष बने। 2003 में जीतकर विधानसभा पहुंचे और राज्य मंत्री बने। 2013 और 18 में फिर जीते और मंत्री बने।

8 बार विधानसभा चुनाव लड़े, एक बार हारे: जगदीश देवड़ा ने पहला चुनाव 1990 में सुवासरा विधानसभा से लड़ा था। वे अब तक भाजपा के टिकट पर 8 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें 7 बार जीत हासिल हुई है। 1998 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वे उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

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