Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
दमोह। बागेश्वर धाम की प्रसिद्ध ‘सनातन पदयात्रा’ इस बार कुछ अलग ही रंग में दिखाई देगी। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के बद्री विश्वकर्मा, जिन्हें लोग प्यार से बुंदेलखंड के खली या बद्री बाबा कहते हैं, इस यात्रा में अपनी अनोखी ताकत दिखाने वाले हैं। बद्री बाबा अपने बालों से रथ खींचेंगे और यह कोई छोटा काम नहीं होगा, बल्कि वे पूरे 10 दिनों तक करीब 180 किलोमीटर की दूरी ऐसे ही तय करेंगे। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इस पदयात्रा में बद्री बाबा की भक्ति और शक्ति का ये अद्भुत संगम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका खास रथ तैयार हो गया है और वे इस अनोखे संकल्प के साथ दिल्ली के लिए रवाना भी हो चुके हैं।
दमोह जिले के बटियागढ़ निवासी बद्री विश्वकर्मा को लोग ‘बुंदेलखंड का खली’ कहते हैं। उनके हैरतअंगेज स्टंट पूरे इलाके में मशहूर हैं। कई रियलिटी टीवी शो में भी उन्होंने अपनी ताकत दिखा चुके हैं। बालों से भारी वाहन या रथ खींचना उनके लिए कोई नई बात नहीं है।
बद्री बाबा ने पहले भी अपनी आस्था और शक्ति का प्रदर्शन किया है। बागेश्वर धाम में उन्होंने बालों से रथ खींचा। अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी उन्होंने दमोह से अयोध्या तक रथ खींचकर यात्रा की, जो सबका ध्यान खींचने वाला कारनामा था।
अब बद्री बाबा का रथ उनके गृहनगर बटियागढ़ से दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। और पदयात्रा के पहले दिन से ही अपने संकल्प को पूरा करने में जुट जाएंगे।
विदाई के मौके पर बटियागढ़ में भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। सभी ने उनके संकल्प की सफलता के लिए प्रार्थना की और शुभकामनाएं दी। उनके सहयोगी मनोज देवलिया ने बताया कि बद्री बाबा इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज देश में सबसे अधिक खतरा जातिवाद से है। हमें इस देश में जाति नहीं, बल्कि मजबूत राष्ट्रवाद चाहिए। 7 नवंबर से 16 नवंबर तक वह दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा करेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू राष्ट्र और हिंदू एकता को बढ़ावा देना है। साथ ही इसका उद्देश्य यमुना नदी को स्वच्छ करना और लोगों को जागरूक करना भी है। हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता पर उन्होंने अपने विचार साझा किए। हालांकि, राजनीति से जुड़े किसी भी सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।