Aakash Waghmare
22 Dec 2025
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में अब महज 3 हफ्तों का समय बचा है। जहां प्रमुख दल महागठबंधन और एनडीए सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इसी बीच (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है। दरअसल ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य मिलकर बिहार में नया गठबंधन यानी थर्ड फ्रंट बनाने जा रही है।
बिहार में तीसरे बड़े गठबंधन का ऐलान AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने सोमवार को किया की था। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी केवल सीमांचल तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राज्य की 32 सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। इमाम ने दावा किया कि यह नया गठबंधन उन सीटों पर बड़ा असर डालेगा जहां मुस्लिम और ओबीसी वोटरों की संख्या ज्यादा है। जाहिर है इस फैसले के बाद बिहार में सत्ता की खींचतान में भूचाल मचना शुरू हो गया है।
AIMIM नेता ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की पूरी राजनीति MY (मुस्लिम-यादव ) समीकरण पर चली है, लेकिन आज आपने M को निकाला है। इसका सीधे तौर पर मतलब है कि आपकी किसी और से बात चल रही है। वहीं बिहार में AIMIM द्वारा थर्ड फ्रंट बनाए जाने पर कांग्रेस नेता उदित राज ने भी प्रतिक्रिया देते हिए बोले कि ये कोई असाधारण बात नहीं है। खेल बिगड़ने के लिए जहां चुनाव होता है, वहां पहुंच जाती है ये पार्टी। ये धार्मिक तकरीर करते हैं, वोट का ध्रुवीकरण होता है। उसका सारा फायदा भाजपा को मिलता है।
नए गठबंधन पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी और स्वामी प्रसाद मौर्य का यह गठबंधन बिहार की चुनावी तस्वीर में नया मोड़ ला सकता है। जहां सीमांचल में AIMIM का मजबूत जनाधार पहले से मौजूद है, वहीं मौर्य की गहरी पकड़ ओबीसी समाज में मानी जाती है। ऐसे में यह गठबंधन कई सीटों पर महागठबंधन और एनडीए दोनों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियां मिलकर जल्द ही संयुक्त उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगी। जसिमें कई नामों को उतारा जाएगा। इस निर्णय पर AIMIM प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि उनका उद्देश्य न केवल सत्ता में हिस्सेदारी बल्कि सामाजिक न्याय की नई दिशा देना है।