Manisha Dhanwani
10 Nov 2025
Naresh Bhagoria
9 Nov 2025
Aakash Waghmare
9 Nov 2025
बेंगलुरु। बेंगलुरु के केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 में कुछ लोगों के नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इस घटना पर आपत्ति जताते हुए सुरक्षा में चूक और कांग्रेस सरकार पर डबल स्टैंडर्ड का आरोप लगाया। वहीं मामला के पथ संचलन पर आपत्ति जताने वाले विवाद से जुड़कर और पेचीदा हो गया है।
कर्नाटक भाजपा प्रवक्ता विजय प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर रविवार रात वीडियो शेयर करते हुए पूछा कि, एयरपोर्ट के हाई सिक्योरिटी वाले टर्मिनल 2 में नमाज पढ़ने की अनुमति किसने दी। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कैबिनेट मंत्री प्रियांक खड़गे से सवाल किया कि, क्या वे इसे मंजूर करते हैं।
प्रसाद ने कहा, RSS के पथ संचलन के लिए अनुमति मांगने पर सरकार आपत्ति जताती है, लेकिन ऐसे संवेदनशील इलाके में धार्मिक गतिविधियों पर क्यों आंखें मूंद ली जाती हैं?
केंपेगौड़ा एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 दोनों में मल्टी-फेथ प्रेयर रूम बनाए गए हैं। इन कमरों में यात्री शांति से प्रार्थना या ध्यान कर सकते हैं। नमाज अदा करने वाले आमतौर पर साफ-सुथरे और शांत कमरे का चयन करते हैं। साथ ही, यह भी ध्यान रखा जाता है कि नमाज पढ़ने वाले के सामने से कोई व्यक्ति न गुजरे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि, RSS की गतिविधियों के लिए अनुमति ली जाती है और पारदर्शिता बनाए रखी जाती है, लेकिन अन्य धार्मिक गतिविधियों पर क्यों नजर नहीं रखी जाती। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर डबल स्टैंडर्ड अपनाने और सुरक्षा के संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री प्रियांक खड़गे ने 3 नवंबर को RSS की पारदर्शिता और रजिस्ट्रेशन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि, RSS को अपनी गतिविधियों के लिए सरकार से अनुमति लेनी चाहिए और संगठन के रूप में रजिस्टर होना चाहिए। खड़गे ने सवाल किया कि, बिना रजिस्टर हुए एक संगठन लाखों लोगों को देशभर में मार्च कैसे करवा सकता है और क्यों इतना छिपा हुआ रहता है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 6 नवंबर को राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें पब्लिक प्लेस पर कोई भी कार्यक्रम करने से पहले परमिशन लेने की रोक हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस आदेश की संवैधानिकता पर सवाल उठाया था। मामले की अगली विस्तृत सुनवाई 13 नवंबर को होगी।