Manisha Dhanwani
25 Nov 2025
अयोध्या। सालों से हर भारतीय के मन में बसता सपना आज साकार हो गया। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का संपूर्ण निर्माण पूरा हुआ और आज इसका मुख्य आकर्षण केसरिया धर्म ध्वज शिखर पर फहराया जाएगा। पूरा शहर और मंदिर प्रांगण इस ऐतिहासिक ध्वजारोहण के लिए सज-धज कर तैयार हैं तो वहीं पूरा देश ऐतिहासिक उत्सव की तैयारी में जुटा है।
ध्वजारोहण का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:58 बजे से 12:30 बजे तक तय किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस धर्म ध्वज को मुख्य शिखर पर फहराएंगे और उसके बाद वहां उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित भी करेंगे। पांच दिवसीय पूजन सोमवार शाम को संध्या आरती के साथ संपन्न हुआ है।
मुख्य शिखर पर फहराई जाने वाली तीकोना भगवा ध्वज 10 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी है। इस ध्वज पर भगवान राम की वीरता का प्रतीक सूरज, ‘ओम’ का निशान और कोविदार का पेड़ अंकित हैं। यह ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देता है।
मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर 41 फीट ऊंचा ध्वज स्थापित किया जाएगा। इसका दस फीट हिस्सा शिखर के अंदर सुरक्षित रखा जाएगा ताकि तेज हवा में भी ध्वज सुरक्षित रहे। मुख्य शिखर के लिए 25 और उप-मंदिरों के लिए छोटे 100 ध्वज तैयार किए गए हैं।

ध्वजों के निर्माण में कपैराशूट पड़े का उपयोग किया गया है। मुख्य शिखर पर फहराई जाने वाली ध्वज की लंबाई 18 फीट और चौड़ाई 9 फीट है। उप-मंदिरों के ध्वज 6 फीट लंबाई और 4 फीट चौड़ाई के हैं। सभी ध्वजों का रंग केसरिया है जो धर्म, त्याग और साहस का प्रतीक है। छोटे ध्वजों को शिव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती और अन्नपूर्णा के मंदिरों पर भी फहराया जाएगा।

वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में ध्वजों, पताकाओं और तोरणों का महत्व बताया गया है। त्रेता युग में राघव के जन्म का उत्सव हुआ था और अब कलियुग में यह ध्वजारोहण समारोह रामराज्य की पुनर्स्थापना का संदेश दुनिया को देगा।