Aakash Waghmare
23 Oct 2025
आतंकवादियों का पनाहगाह कहे जाने वाले पाकिस्तान को अब खुद आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से डर लगने लगा है। हाल ही में टीटीपी ने कई वीडियो जारी कर पाकिस्तानी सेना को खुली चुनौती दी है। एक वीडियो में टीटीपी कमांडर काज़िम ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को ललकारते हुए कहा- अगर तुममें हिम्मत है तो मैदान में आओ और हमसे मुकाबला करो। अगर तुम मर्द हो तो हमारा सामना करो।
काज़िम के इस बयान ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी। सरकार ने उसकी गिरफ्तारी में मदद करने वालों को 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
8 अक्टूबर 2025 को खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। टीटीपी ने दावा किया कि उसने 22 सैनिकों को मार गिराया और कई हथियार व वाहन कब्जे में लिए। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने केवल 11 सैनिकों की मौत की पुष्टि की। इस हमले ने साबित कर दिया कि सीमा क्षेत्र में टीटीपी अब पहले से कहीं ज्यादा संगठित और ताकतवर हो चुका है।
पिछले कुछ महीनों में कतर और तुर्किए की मध्यस्थता से पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच युद्धविराम की कोशिश की गई थी। लेकिन, यह पहल ज्यादा समय तक नहीं टिक सकी।
पाकिस्तान ने साफ कहा कि जब तक अफगानिस्तान की जमीन पर टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक किसी भी समझौते का कोई मतलब नहीं है। वहीं, काबुल सरकार की चुप्पी ने पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
टीटीपी की बढ़ती ताकत ने पाकिस्तान के अंदर अन्य चरमपंथी संगठनों को भी सक्रिय कर दिया है। इनमें लश्कर-ए-झांगवी (LeJ), इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) और जैश-ए-मोहम्मद जैसे गुट शामिल हैं। लश्कर-ए-झांगवी अल्पसंख्यकों पर हमलों के लिए बदनाम रहा है, जबकि ISKP पहले भी टीटीपी के लड़ाकों को अपनी ओर खींच चुका है। इन सबकी सक्रियता ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को फिर से खतरे में डाल दिया है।
भले ही सेना प्रमुख आसिम मुनीर को कठोर रुख वाला अधिकारी माना जाता है, लेकिन टीटीपी के बढ़ते हमलों ने उनकी नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार बढ़ती आतंकी गतिविधियों ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति अब फिर से विस्फोटक मोड़ पर पहुंच चुकी है।