Aakash Waghmare
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
22 Nov 2025
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Aakash Waghmare
22 Nov 2025
नई दिल्ली। अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी पर सोमवार को संसद में विशेष चर्चा की शुरुआत हुई। इस दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि विपक्ष भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों पर भी बधाई देने में संकोच कर रहा है। लोकसभा की कार्यवाही कल यानी 19 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा कि विपक्ष की नाराजगी सरकार या भाजपा-एनडीए से हो सकती है, लेकिन वैज्ञानिकों और एक ऐसे अंतरिक्ष यात्री से नहीं होनी चाहिए, जो राजनीति से परे हैं और भारतीय वायुसेना के अनुशासित सैनिक भी हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “आप धरती से नाराज हैं, आकाश से नाराज हैं और आज ऐसा लग रहा है कि अंतरिक्ष से भी नाराज हैं।”
सिंह ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में जो प्रगति आज दिख रही है, वह 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि इस अभियान ने दुनिया को भारत की क्षमताओं का अहसास कराया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में भी अंतरिक्ष तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका रही और यह उपलब्धि पिछले दस वर्षों में बने सुदृढ़ नीतिगत ढांचे की वजह से संभव हुई।
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जितेंद्र सिंह ने सवाल उठाया कि जब देश में प्रतिभा और वैज्ञानिक क्षमता हमेशा से मौजूद थी, तो पिछले 60-70 वर्षों तक अंतरिक्ष विभाग अपेक्षित गति से क्यों नहीं बढ़ पाया। उन्होंने कहा कि समस्या वैज्ञानिकों या उनके उत्साह में नहीं थी, बल्कि पूर्ववर्ती राजनीतिक नेतृत्व ने सही और सामंजस्यपूर्ण नीतियां बनाने में कमी रखी। 2014 के बाद वह कमी दूर हुई और अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय शुरू हुआ।
चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
बता दें, शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय बने हैं। वे 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष गए थे और 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे। रविवार सुबह वे दिल्ली पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ।