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अडाणी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला : SEBI की जांच में दखल से इनकार, कहा- सेबी ने 22 मामलों की जांच पूरी की; 2 के लिए और 3 महीने का समय दिया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी को बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए 3 महीने का और समय दिया है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया। इसके अलावा मामले की जांच को SEBI से लेकर SIT को देने से भी इनकार कर दिया। बेंच ने कहा कि, SEBI की जांच उचित है और वह इस मामले की जांच के लिए सक्षम एजेंसी है। बता दें कि, अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है और अभी भी 2 मामलों की जांच बची है।

कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हम सेबी को दिए गए समय में अपनी पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश  दे रहे हैं। CJI ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट को सेबी के अधिकार क्षेत्र मे दखल देने का सीमित अधिकार है। जांच को सेबी से SIT को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने ओसीसीपीआर (OCCPR) रिपोर्ट पर निर्भरता को भी खारिज करते हुए कहा कि, उसके आधार पर सेबी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता है। इन्वेस्टर और कारोबारी जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स जैसे लोगों की फंडेड ‘OCCRP’ 2006 में बनी एक इन्वेस्टिगेटिव संस्था है।

24 नवंबर 2023 को फैसला रखा था सुरक्षित

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसके अलावा, मार्केट रेगुलेटर SEBI को भी जांच करने के लिए कहा था। जिसके बाद कोर्ट ने पिछले साल 24 नवंबर को मामले की सुनवाई के कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। CJI ने कहा था- अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को हमें तथ्यात्मक रूप से सही मानने की जरूरत नहीं है। हिंडनबर्ग यहां मौजूद नहीं है, हमने SEBI से जांच करने को कहा है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर जारी की थी रिपोर्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट्स में धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। यह रिपोर्ट आने के बाद अलग-अलग कारोबारों में जुटे अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है।

24 जनवरी को रिपोर्ट जारी होने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में शुक्रवार को 20 फीसदी तक की गिरावट आई। इसकी वजह से लिस्टेड कंपनियों का जॉइंट मार्केट कैप 4.17 लाख करोड़ रुपए कम हो गया था।

अडाणी ग्रुप का दावा- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट फर्जी

अडाणी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण और फर्जी तरीके से बनाई गई है। यह रिपोर्ट हमारे एफपीओ को नाकाम करने के इरादे से लाई गई है। अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के FPO को शुक्रवार को आवेदन के पहले दिन केवल एक प्रतिशत अभिदान मिला था। यह एफपीओ 31 जनवरी को बंद होगा।

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