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विदिशा के लटेरी में इलाज के दौरान 2 साल के मासूम की मौत, परिजनों का हंगामा, भीड़ ने डॉक्टर को पीटा और क्लीनिक पर किया पथराव

विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के लटेरी कस्बे में बुधवार रात एक निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान दो साल के मासूम की मौत हो गई। इस घटना के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। परिजनों ने न सिर्फ क्लीनिक के सामने चक्का जाम कर प्रदर्शन किया, बल्कि डॉक्टर के साथ मारपीट और क्लीनिक पर पथराव भी कर दिया।

इलाज के दौरान हुई मासूम की मौत से मचा हड़कंप

जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात लटेरी स्थित सांई कृपा क्लीनिक में एक दो वर्षीय बीमार बच्चे को इलाज के लिए लाया गया था। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर संतोष साहू ने बच्चे का इलाज शुरू किया लेकिन कुछ घंटों बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने क्लीनिक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।

डॉक्टर से की गई मारपीट, क्लीनिक पर पथराव

गुरुवार सुबह से ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और मृतक के परिजन क्लीनिक के बाहर जमा हो गए और डॉक्टर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क जाम कर दी। जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची और डॉक्टर को पकड़कर थाने ले जाने लगी, भीड़ ने पुलिस को धक्का-मुक्की करते हुए डॉक्टर के साथ मारपीट की। इस दौरान क्लीनिक पर पथराव भी किया गया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।

प्रशासन ने संभाला मोर्चा, जांच के आदेश

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम विनीत तिवारी और तहसीलदार समेत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। उन्होंने गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास किया और परिजनों को जांच एवं उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद चक्का जाम समाप्त हुआ।

प्रशासन ने डॉक्टर की योग्यता, क्लीनिक संचालन की वैधता, और इलाज के दौरान की गई प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मौत लापरवाही से हुई या किसी अन्य कारण से।

अब भी सड़कों पर डटे हैं लोग, पुलिस बल तैनात

घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि चक्का जाम हटा दिया गया है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग सड़क पर डटे हुए हैं। पुलिस और प्रशासन लोगों को शांत करने की कोशिश में जुटे हैं। एहतियात के तौर पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति बिगड़े नहीं।

सवालों के घेरे में झोलाछाप डॉक्टरों की भूमिका

इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग लगातार यह मांग कर रहे हैं कि ऐसे अवैध रूप से चिकित्सा कर रहे लोगों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है और यदि डॉक्टर दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मासूम की मौत से पूरा क्षेत्र शोक और आक्रोश में है।

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