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‘आजादी की सुबह की पहली चाय… 17 महीने बाद’, मनीष सिसोदिया ने पत्नी के साथ सेल्फी पोस्ट कर कही यह बात

नई दिल्ली। तिहाड़ से बाहर आने के बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने पत्नी के साथ चाय पीते हुए से सेल्फी शेयर की है। उन्होंने X पर लिखा- आजादी की सुबह की पहली चाय… 17 महीने बाद! वह आजादी जो संविधान ने हम सब भारतीयों को जीने के अधिकार की गारंटी के रूप में दी है। वह आजादी जो ईश्वर ने हमें सबके साथ खुली हवा में सांस लेने के लिए दी है।

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आज सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। करीब 11 बजे वह पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।

9 अगस्त को जेेल से बाहर आए सिसोदिया

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े CBI और ED के मामलों में शुक्रवार (9 अगस्त) को जमानत दी। वे 17 महीने बाद शाम करीब 7 बजे जेल से बाहर आए। बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता जेल के बाहर एकत्र हुए और सिसोदिया की रिहाई का जश्न मनाया।

कोर्ट ने शर्त लगाते हुए उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करने और गवाहों को प्रभावित न करने का निर्देश दिया। साथ ही सिसोदिया को 10 लाख रुपए का बॉन्ड भरना होगा। बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था- मुझे संविधान और लोकतंत्र की ताकत से जमानत मिली है। यही ताकत अरविंद केजरीवाल को भी जेल से रिहा कराएगी।

3 शर्तों पर मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता सिसोदिया को तीन शर्तों पर जमानत दी है। पहला ये कि उन्हें 10 लाख रुपए का मुचलका भरना होगा। इसके अलावा उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे। वहीं, तीसरी शर्त यह है कि वह अपना पासपोर्ट सरेंडर कर देंगे।

पिछले साल 26 फरवरी को किया था अरेस्ट

पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद और 9 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था। तभी से वे सिसोदिया जेल में हैं। उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने कई बार उनकी पेशी भी हुई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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