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भोपाल। भारत का हृदय स्थल मध्यप्रदेश इस वर्ष अपना 70वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह और गौरव के साथ मनाने जा रहा है। राज्य स्थापना दिवस का मुख्य समारोह ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ 1 से 3 नवंबर 2025 तक भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष समारोह की थीम ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ रखी गई है, जो प्रदेश की विकास यात्रा और आत्मनिर्भरता के संकल्प को प्रदर्शित करेगी।
समारोह का शुभारंभ 1 नवंबर को किया जाएगा। इसके बाद 2 और 3 नवंबर को शाम 6:30 बजे से दो दिनों तक महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’ का मंचन होगा। वहीं सुप्रसिद्ध गायकों की सुगम संगीत प्रस्तुति के साथ ही पूरे कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनियां, शिल्प मेला, वन मेला और देशज व्यंजन मेला जैसी गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। इस अवसर पर गायक जुबिन नौटियाल भी अपनी प्रस्तुति देंगे।

इस बार के स्थापना दिवस समारोह की सबसे खास प्रस्तुति होगी- महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’, जिसमें भारत के इस महान नायक के जीवन, शौर्य,और जनकल्याण की भावना को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। यह प्रस्तुति उज्जैन की संस्था विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति द्वारा की जा रही है, जिसमें करीब 150 कलाकार और 50 सहयोगी भाग ले रहे हैं। नाटक को प्रभावशाली बनाने के लिए अश्व, रथ, पालकी, ऊंट जैसे जीवंत दृश्य और एलईडी ग्राफिक्स के विशेष प्रभावों का उपयोग किया गया है।
सम्राट विक्रमादित्य केवल भारत ही नहीं, बल्कि सुदूर देशों तक प्रसिद्ध रहे हैं। उन्होंने शकों और यवनों के आक्रमण से भारत को मुक्त कराया और ‘शकारि’ की उपाधि प्राप्त की। उनके शासनकाल में कला, साहित्य, खगोलशास्त्र और विज्ञान का स्वर्ण युग रहा। इसी गौरवपूर्ण काल के आधार पर विक्रम संवत् की शुरुआत हुई, जो आज भी विश्व की सर्वश्रेष्ठ कालगणना प्रणाली मानी जाती है।
‘सम्राट विक्रमादित्य’ महानाट्य की प्रस्तुति अब तक दिल्ली के लाल किले, हैदराबाद, और आगरा जैसे शहरों में हो चुकी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस प्रस्तुति की प्रशंसा कर चुके हैं। अब यह नाट्य प्रस्तुति भोपाल के ऐतिहासिक लाल परेड मैदान में आम जनता के लिए दो दिनों तक दिखाई जाएगी।
2 और 3 नवंबर को दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक लाल परेड ग्राउंड पर 12 प्रमुख प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी, जिनमें शामिल हैं-
मध्यप्रदेश का यह स्थापना दिवस केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि प्रदेश की विकास यात्रा का प्रतीक भी होगा। ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ समारोह में अतीत की गौरवगाथा और वर्तमान की उपलब्धियों के साथ भविष्य के समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य की झलक दिखाई देगी।