Naresh Bhagoria
25 Nov 2025
भोपाल । छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद एफडीए अब अपनी तीन लैब को अपग्रेड करने और एक नई लैब बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एफडीए ने केन्द्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। इन तीनों प्रयोगशालाओं में हाईटेक मशीनें, सालाना टेस्टिंग क्षमता और मेन पावर बढ़ाया जाएगा। विभाग के कंट्रोलर दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने अब ग्वालियर में भी एक नई लैब विकसित करने का निर्णय लिया है। इस लैब के निर्माण का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। मालूम हो कि पीपुल्स समाचार ने ही सबसे पहले एफडीए में सैंपलों की पेंडेंसी का मामला उजागर किया था।
मप्र सरकार ने अब दवाओं की जांच के तरीके में बदलाव करने की तैयारी कर ली है। अब अब प्रोडक्ट में जहरीले डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की जांच की जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। अधिकारियों के मुताबिक अब सिर्फ रॉ मटीरियल यानि कच्चे माल में ही डायएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की जांच होती थी।
इधर, पूरे मामले में प्रदेशभर के डॉक्टर और सरकार आमने सामने हो गए हैं। शुक्रवार को डॉक्टरों के पांच संगठनों से सामूहिक प्रेस कॉन्फ्रेस कर सरकार को विरोध जताया। संगठन के संयोजक डॉॅ. राकेश मालवीय ने बताया कि मामले में डॉ. प्रवीण सोनी को बली का बकरा बनाया जा रहा है। डॉक्टर सिर्फ दवाएं लिखता है, जबकि उसे जांच करने का अधिकार ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का होता है। उन्होंने कहा कि वे इसका लगातार विरोध करते रहेंगे।