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75% साक्षरता वाले भिंड में 54%, आदिवासी बहुल छिंदवाड़ा में 82% हुई थी वोटिंग

बीते लोस चुनाव के आंकडे बताते हैं पढ़े-लिखे लोगों की मतदान में रुचि कम

नरेश भगोरिया, भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगते ही चुनाव आयोग की गतिविधियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दल प्रत्याशियों और पार्टी की ब्रांडिंग में जुट गए हैं, तो आयोग का फोकस ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने पर है। लेकिन बीते लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि लाख जतन के बावजूद भिंड लोकसभा क्षेत्र के मतदाता वोट डालने को उत्सुक नहीं रहते।

वहीं, छिंदवाड़ा ऐसा क्षेत्र है जहां बंपर वोटिंग होती है। यह स्थिति तब है जब भिंड का नाम सबसे ज्यादा साक्षरता वाले शीर्ष 10 जिलों में शामिल है। भिंड जिले में साक्षरता 75 प्रतिशत है। जबकि 49.08 प्रतिशत साक्षरता वाला बड़वानी ऐसा विस क्षेत्र है जहां 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी।

सबसे अच्छी वोटिंग में छिंदवाड़ा के 3 विस क्षेत्र

लोस चुनाव में जिन विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अच्छी वोटिंग हुई उनमें छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में 85, चौरई में 84.58 और सौंसर में 83.84 फीसदी वोटिंग हुई थी। सैलाना में 85.73 और रतलाम ग्रामीण सीटों में 83.77 फीसदी वोटिंग हुई थी। केवलारी, बरघाट, पांढुर्णा, मल्हारगढ़, बदनावर, बड़वानी, बागली, पंधाना, घोड़ाडोंगरी और भैंसदेही में 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई।

भिंड सीट को लेकर जातीय वोटर्स का अलग-अलग विचार होता है। भिंड लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है जबकि बड़ी संख्या में यहां ब्राह्मण और ठाकुर वोटर भी हैं। मेरे खयाल से सवर्ण वोटर्स का मतदान के प्रति रुझान कुछ कम होता है। हालांकि यह स्थिति सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही होती है। विस-स्थानीय निकायों की स्थिति में भिंड में भी अच्छा मतदान होता है। – देव श्रीमाली, राजनीतिक विश्लेषक

सैलाना के मतदाता अधिकारों को लेकर ज्यादा जागरूक हैं। वे जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के खिलाफ अपने वोट की ताकत का इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए यहां पिछले चार विस चुनावों में अलग- अलग पार्टी के विधायक को चुना गया। 2008 में कांग्रेस, 2013 में भाजपा, 2018 में कांग्रेस और 2023 में भारत आदिवासी पार्टी के प्रतिनिधि को चुना गया। – कमलेश्वर डोडियार, विधायक, सैलाना

स्वीप प्लान के अंतर्गत जो भी गतिविधियां होती हैं जिले में उन पर काम किया जाता है। हम युवाओं को इस बारे में जागरूक कर रहे हैं। हमारी कोशिश होगी की फर्स्ट टाइम वोटर्स तक यह बात पहुंचाएं कि सभी वोट डालने जाएं। इसके अलावा 50 सबसे कम वोटिंग वाले बूथ पर हम विशेष अधिकारी नियुक्त कर रहे हैं, जिनका लक्ष्य वोटिंग प्रतिशत बढ़वाना होगा। – संजीव श्रीवास्तव, जिला निर्वाचन अधिकारी, भिंड

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