Manisha Dhanwani
22 Dec 2025
अहमदाबाद। यूक्रेनी सेना की हिरासत में मौजूद गुजरात के छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। वीडियो में उन्होंने भारतीय युवाओं से अहम अपील की है। इस वीडियो में साहिल ने कहा है कि किसी भी हाल में रूसी सेना में शामिल न हों। यह वीडियो सोमवार को सामने आया, जिसके बाद मामला चर्चा में आ गया है।
साहिल का आरोप है कि रूस में उसे झूठे ड्रग्स केस में फंसाया गया और इसी आधार पर उसे ब्लैकमेल किया गया। उन्होंने दावा किया कि दबाव बनाकर और धमकाकर उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया। साहिल के मुताबिक, हालात इतने गंभीर थे कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं छोड़ा गया।
फिलहाल साहिल मोहम्मद हुसैन को यूक्रेन में किस स्थान पर रखा गया है, इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। वीडियो के जरिए उन्होंने भारत सरकार और अपने परिवार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है, साथ ही युवाओं को विदेश में ऐसे झांसे से बचने की चेतावनी दी है।
साहिल मोहम्मद हुसैन ने बताया कि वे 2024 में पढ़ाई के लिए रूस आए थे, लेकिन आर्थिक और वीजा से जुड़ी दिक्कतों के चलते उनका संपर्क कुछ रूसी नागरिकों से हुआ, जो बाद में नशीले पदार्थों के धंधे से जुड़े पाए गए।
उनका दावा है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया, इसके बावजूद उन्हें झूठे ड्रग्स मामले में फंसा दिया गया।
रूस में करीब 700 लोगों को ड्रग्स के आरोप में जेल भेजा गया, लेकिन जेल प्रशासन ने सिर्फ उन्हें ही यह प्रस्ताव दिया कि अगर वे रूसी सेना में शामिल हो जाएं तो उनका केस वापस ले लिया जाएगा मजबूरी में उन्होंने यह शर्त मान ली।
साहिल के मुताबिक, उन्हें केवल 15 दिनों का प्रशिक्षण देकर सीधे युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया।
वहीं मोर्चे पर पहुंचते ही उन्होंने यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
फिलहाल वे यूक्रेनी सेना की हिरासत में हैं।
उन्होंने कहा कि वे खुद को बेहद असहाय महसूस कर रहे हैं और उन्हें अपने भविष्य को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
रूस आने वाले भारतीय युवाओं को उन्होंने चेतावनी दी कि सावधान रहें, क्योंकि यहां कई ठग झूठे ड्रग्स केस में फंसाकर ब्लैकमेल कर सकते हैं।
साहिल ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की है।
उन्होंने अनुरोध किया है कि हाल ही में भारत आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत कर उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की जाए।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के भारत दौरे (4–5 दिसंबर 2025) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी सेना में शामिल भारतीय नागरिकों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से इस विषय पर गंभीरता से हस्तक्षेप करने और रूसी सेना में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की मांग की थी।
विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस समय कम से कम 44 भारतीय नागरिक ऐसे हैं जो किसी न किसी रूप में रूसी सेना से जुड़े हुए हैं और युद्ध जैसे हालात में फंसे हुए हैं। भारत सरकार लगातार इस मामले को रूसी प्रशासन के समक्ष उठा रही है और कूटनीतिक स्तर पर भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।