सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि अब हर साल 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाया जाएगा। यह साहिबजादों के साहस और न्याय की खोज के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।
साहिबजादों की शहादत का होगा सम्मान
पीएम मोदी ने ट्वीट कर वीर बाल दिवस मनाए जाने का एलान किया। पीएम ने कहा, ‘आज, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह साहिबजादों के साहस के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।’
Today, on the auspicious occasion of the Parkash Purab of Sri Guru Gobind Singh Ji, I am honoured to share that starting this year, 26th December shall be marked as ‘Veer Baal Diwas.’ This is a fitting tribute to the courage of the Sahibzades and their quest for justice.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2022
दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था
पीएम मोदी ने कहा- ‘वीर बाल दिवस’ उसी दिन होगा जिस दिन साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी को एक दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। इन दोनों महानुभावों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मृत्यु को प्राथमिकता दी।
वीरता के आदर्श थे
पीएम ने कहा- ‘माता गुजरी, श्री गुरु गोविंद सिंह जी और साहिबजादों की वीरता और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते हैं। वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो। अधिक से अधिक लोगों को उनके बारे में बताना समय की मांग है।’
क्या है इतिहास
गुरु गोबिंद सिंह ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी चारों संतानों को देश पर कुर्बान कर दिया। गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादे अजीत सिंह की आयु बलिदान के वक्त 18 और जुझार सिंह की 15 साल थी। 26 दिसंबर को ही दोनों साहिबजादे मुगलों के साथ लड़ते हुए चमकौर में धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए थे। दो छोटे साहिबजादों 9 साल के जोरावर सिंह और 6 साल के फतेह सिंह को धर्म परिवर्तन न करने की वजह से मुगल बादशाह औरंगजेब के हुक्म पर दीवार में चुनवा दिया गया था।
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