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उत्तराखंड विधानसभा में UCC विधेयक पेश, BJP विधायकों ने लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक पेश किया। उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा के अंदर विधायकों ने “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए। विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। UCC पर ड्राफ्ट लाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।

जिस वक्त का इंतजार था, वो आ गया : CM

बिल पेश करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस वक्त का लंबे समय से इंतजार था, वो पल आ गया है। न केवल प्रदेश की सवा करोड़ जनता, बल्कि पूरी देश की निगाहे उत्तराखंड की ओर टिकी हुई हैं। यह कानून महिला उत्थान को मजबूत करने का कदम है। जिसमें हर समुदाय, हर वर्ग, हर धर्म के बारे में विचार किया गया है।

BJP नेताओं को खुश करने वाला बिल : हरीश रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिल को लेकर कहा कि धामी भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए इसे लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को यूसीसी के ड्राफ्ट में केवल वोट नजर आ रहे हैं। उन्होंने इसे भाजपा नेताओं को खुश करने वाला बिल बताया है।

यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण : शिव अरोड़ा

उत्तराखंड विधानसभा में पेश किए गए यूसीसी बिल पर उत्तराखंड बीजेपी विधायक शिव अरोड़ा का कहना है, ”यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। यूसीसी से बड़ी खुशी क्या हो सकती है ? यह लोगों को समान अधिकार देता है।

मुसलमानों के खिलाफ साजिश : ओवैसी

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समान नागरिक संहिता का शुरुआत से ही विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) कुछ नहीं है। इससे मुसलमानों को इस्लाम से दूर किया जाएगा। उन्होंने इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया है।

कांग्रेस का आरोप- हमें नहीं सौंपी गई विधेयक की कॉपी

कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि हमें विधेयक की कॉपी नहीं दी गई। ऐसे में हम यह जानते ही नहीं, इसकी बुराई और अच्छाई क्या है। हम इसके खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, सदन को चलाने का ये तरीका सही नहीं है।

UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड

कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।

राज्य में यूसीसी से क्या-क्या बदलेगा

• सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
• पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार।
• लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी।
• लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा।
• लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार।
• महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं।
• अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर।
• बहुविवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं।
• शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी, बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं।
• उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक।

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