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उज्जैन जेल घोटाला : पत्रकार जगदीश परमार के खातों में मिला ट्रांजेक्शन, कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

उज्जैन। भैरवगढ़ जेल घोटाला मामले में मंगलवार को गिरफ्तार पत्रकार जगदीश परमार को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने उसकी रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने उसे 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान पुलिस को जगदीश के खिलाफ पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं।

मंगलवार को किया था गिरफ्तार

सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में हुए करोड़ों रुपए के गबन मामले में 17 दिनों तक चले लंबे घटनाक्रम के बाद मंगलवार को पुलिस ने जगदीश परमार को गिरफ्तार किया था। कई घंटों की पूछताछ में पुलिस को उससे कुछ पुख्ता सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर जगदीश परमार के गबन कांड में शामिल होने की पुष्टि हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को जगदीश के बैंक खाते में रुपए के ट्रांजेक्शन के लिंक मिले हैं। इसी आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।

पहले दिन ही आया था परमार का नाम

बता दें कि घोटाला उजागर होने वाले दिन से ही जगदीश परमार का नाम सामने आ रहा था। जगदीश को ऊषा राज का करीबी बाताया जाता है। पुलिस ने इस मामले में जगदीश को फरार घोषित कर दिया था। लेकिन, मंगलवार को उसने एक वीडियो जारी किया। उसने बताया कि वह घर पर है। वीडियो में जगदीश ने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा कि वह सरकारी गवाह बनने को तैयार है। उसने दावा किया था कि वह पूरे गबन कांड की सच्चाई सामने ला देगा। किन खातों में पैसा गया यह भी बताएगा। हालांकि, पत्रकार वार्ता के दौरान ही पुलिस पहुंची और प्रेस क्लब से बाहर निकलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस बोली- पुख्ता सबूत

बुधवार दोपहर जगदीश परमार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया। भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक ने बताया कि जगदीश परमार के गबन कांड में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं।

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15 करोड़ का पीएफ घोटाला

भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में करीब 100 कर्मचारियों के खाते से पीएफ की राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर की गई। अब तक पुलिस को 67 खातों में 13.54 करोड़ रुपए के गबन का पता चला है। पीएफ घोटाले का मास्टर माइंड जेल की वेतन शाखा का बाबू था। तत्कालीन जेल अधीक्षक ऊषा राज की मिलीभगत से उसने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। पुलिस इस मामले में पूर्व जेल अधीक्षक ऊषा राज और बाबू रिपुदमन को गिरफ्तार कर चुकी है। इन दोनों के अलावा चार और लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं।

(इनपुट : संदीप पांडला)

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