नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने स्मार्ट सिटी वाले लक्ष्य पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसमें केंद्र ने भिक्षावृत्ति में लगे वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मप्र के उज्जैन-इंदौर, ओंकारेश्वर समेत 30 शहरों की पहचान की है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य हॉटस्पॉट की पहचान करने और 2026 तक इन स्थानों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने में जिला और नगर निगम अधिकारियों का समर्थन करना है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा फरवरी के मध्य तक एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। ऐप पर भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाने वाले लोगों की पहचानकर उसे अपडेट किया जाएगा।
इन 30 स्थानों का हुआ चयन
धार्मिक महत्व के जिन 10 स्थानों पर भिखारियों के पुनर्वास पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें अयोध्या, ओंकारेश्वर, कांगड़ा, सोमनाथ, उज्जैन, बोधगया, त्र्यंबकेश्वर, पावागढ़, मुदैर और गुवाहाटी शामिल हैं। संबंधित धार्मिक ट्रस्ट या श्राइन बोर्ड भी पुनर्वास में शामिल होंगे। वहीं पर्यटन स्थलों में जैसलमेर, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, कुशीनगर, सांची, केवडिया, श्रीनगर, नामसाई, खजुराहो, और पुडुचेरी शामिल हैं। वहीं, वारंगल, तेजपुर, कोझिकोड, अमृतसर, उदयपुर, कटक, इंदौर, मैसूर, पंचकूला, शिमला, तेजपुर ऐतिहासिक शहरों की सूची में हैं।