भोपालमध्य प्रदेश

Ujjain : जेल कर्मियों के खाते से दो साल में निकल गए जीपीएफ के 15 करोड़ रुपए, भैरवगढ़ सेंट्रल जेल अधीक्षक के लॉगिन पासवर्ड से हुई हेराफेरी

विजय एस गौर, भोपाल। भैरवगढ़ सेंट्रल जेल (उज्जैन) के कर्मचारियों के जीपीएफ खातों से 15 करोड़ रुपए से ज्यादा निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीते करीब ढाई साल से धीरे-धीरे जेल कर्मियों के भविष्य निधि खाते से पैसे निकाले जाते रहे। इसके लिए जेल अधीक्षक के लॉगिन पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया। इसका खुलासा होते ही कलेक्टर के निर्देश पर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। जेल मुख्यालय ने भी विभागीय जांच शुरू करवा दी है।

दरअसल, उज्जैन कोषालय ने दो जेल प्रहरियों के भविष्य निधि खाते से 12 और 10 लाख रुपए के निकासी पर संदेह होने पर बैंक ऑफ इंडिया से डिटेल जानकारी ली। इसमें सामने आया कि जेल में एकाउंट का काम संभालने वाले बाबू रिपुदमन सिंह के निजी खाते में ट्रांजेक्शन हो रहा था। इसी तरह दो अन्य खाते भी थे। इस तरह तीनों खातों में शुरुआती गणना के अनुसार करीब 100 बार में 15 करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ। इस तरह सरकारी कर्मचारियों का पैसा बिना उनकी जानकारी के निजी खातों में जमा करवाया गया। कलेक्टर के निर्देश पर थाना भैरवगढ़ में 9 मार्च की रात रिपुदमन सिंह एवं अन्य के खिलाफ धारा 420 आईपीसी में एफआईआर दर्ज की गई है।

जमा राशि से ज्यादा निकाले गए

शुरुआती जांच में सामने आया है कि बीते ढाई साल से बिना जेल कर्मचारियों को भनक लगे, उनके जीपीएफ खाते से पैसा निकाला जाता रहा। इसमें कई खाते पूरी तरह खाली कर दिए गए, तो वहीं कई खातों में जितनी राशि जमा ही नही हुई थी, उससे भी ज्यादा राशि निकाल कर निजी खातों में ट्रांसफर कर दी गई। इस घोटाले में चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया है कि वित्त विभाग के कड़े निर्देश के बाद भी जेल अधीक्षक के लॉगिन और पासवर्ड एक बाबू तक कैसे पहुंच गए।

रात में जेल खुलने की शिकायतें

सूत्रों की मानें तो रात में इमरजेंसी होने पर ही जेल खुलती है। बावजूद भैरवगढ़ जेल रात करीब 12 बजे खुली। इसके साथ ही कई कैदियों ने जमानत पर रिहा होने के बाद गंभीर आरोप लगाते हुए जेल मुख्यालय को शिकायत भेजी। इसके अलावा जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला प्रशासन भी जेल के ढर्रे पर गंभीर कमेंट्स के साथ तत्काल कार्रवाई के लिए लिख चुका है।

डीजी जेल को जांच के लिए लिखा

भैरवगढ़ जेल अधीक्षक उषा राजे की भूमिका की जांच के लिए डीजी जेल को पत्र लिखा है, क्योंकि बिना लॉगिन पासवर्ड के गड़बड़ी नहीं हो सकती। यह बीते ढाई साल से चल रहा था। इसके सामने आने पर एफआईआर करवाई गई है। अभी तो इसमें पैसा जिसके खाते में गया है, उसको ही आरोपी बनाया है। जांच के बाद और भी आरोपी बढेंगे। -कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर, उज्जैन

गड़बड़ी में इन्वाॅल्वमेंट देख रहे हैं

विभागीय स्तर पर जांच शुरू हो गई है, जबकि कलेक्टर उज्जैन भी सक्षम टीम बनाकर जांच करवा रहे हैं। जल्द ही जिस-जिस का इन्वाल्वमेंट हैं, उन पर कार्रवाई होगी। अभी तक पता चला है कि 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी है। इसमें जेल अधीक्षक की लॉगिन पासवर्ड का उपयोग किया गया है। इस बारे में सक्षम स्तर को अवगत करा दिया गया है। -अरविंद कुमार, महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं

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