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VIDEO : महाकाल शिवलिंग के क्षरण को लेकर ASI की रिपोर्ट, SC ने जताई चिंता; गर्भगृह में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की दी सलाह

उज्जैन कलेक्टर बोले- मंदिर समिति के साथ बैठक कर उचित और कड़े निर्णय लेंगे

उज्जैन। मध्य प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल शिवलिंग के क्षरण को लेकर आई एएसआई की रिपोर्ट ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा की ज्योतिर्लिंग का क्षरण पहले के मुकाबले जायदा बढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में दिए गए कई सुझावों पर मंदिर समिति ने अमल नहीं किया। उन्होंने कहा की शिवलिंग पर भस्म का गिरना, श्रद्धालुओं की स्पर्श पूजा करते समय शिवलिंग को रगड़ने से ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान हुआ है। गौरतलब है की यह समिति 2019 में बनाई गई थी और उसके बाद से हर साल महाकाल परिसर का निरीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपती है।

महाकाल शिवलिंग का हो रहा क्षरण

उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग क्षरण मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई टीम ने रिपोर्ट पेश की है, जिसमें उन्होंने महाकाल शिवलिंग क्षरण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग का क्षरण हो रहा है। ऐसी आशंका है कि दिए गए निर्देश का पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं, इस मामले में उज्जैन कलेक्टर का कहना है कि दिए गए निर्देशों का पालन कराया जा रहा है, लेकिन महाकाल लोक के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी है और फेस 2 के कार्य भी चल रहे हैं। मंदिर समिति के साथ बैठक कर उचित एवं कड़े निर्णय लेंगे।

एएसआई और जीएसआई 2021 में ही चेताया था

महाकाल शिवलिंग क्षरण मामले में एएसआई और जीएसआई ने अप्रैल 2021 की रिपोर्ट में समिति को लिखा था कि रगड़ने, भस्म गिरने और स्पर्श पूजा से ज्योतिर्लिंग पर छोटे-छोटे छिद्र बन गए हैं, ये बढ़ रहे हैं। इनमें पूजन सामग्री के कण रह जाते हैं। इससे बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे क्षरण हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, शिवलिंग का आकार 50 सालों में धीरे-धीरे घटा है। सुप्रीम कोर्ट में पेश दस्तावेजों में बताया गया है कि ऐसी ही लापरवाही से ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान पहुंचा था। फिर ज्योतिर्लिंग पर वज्र लेप भस्म, शिलाजीत, गंधक, सीसा, कांसा और लोहे का मिश्रण लगाया गया। लेकिन तब तक ज्योतिर्लिंग के मूल स्वरूप के 30% हिस्से का क्षरण हो चुका था।

उज्जैन कलेक्टर का बयान

इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि महाकाल करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। यह सही है कि इसके पहले भी शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI की रिपोर्ट आई थी। इसको लेकर लगातार मॉनिटिरिंग कराते हैं, यह बात भी सही है कि शिवलिंग का क्षरण हुआ है और मौके पर दिखता भी है। इसके लिए हमें टीम की तरफ से कई सुझाव दिए गए थे। जिसका पालन हम करा रहे हैं। शिवलिंग पर जो जलाभिषेक होता है, उसके पानी को बदल कर आरो पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंदिर में प्रवेश और निकासी को लेकर द्वार बनाने की बात मान्यताओं के चलते संभव नहीं है। गर्भगृह में प्रवेश को लेकर कहा कि अब श्रद्धालुओं को 4 दिन ही प्रवेश दिया जा रहा है। बाकि के दिनों में सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। सावन माह में आने वाली भीड़ के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। कोशिश कर रहे हैं कि शिवलिंग का कम से कम नुकसान हो। उम्मीद करते हैं कि अगस्त से सारी सुविधाएं को ऊंचे लेवल पर ले पाएंगे।

ASI की रिपोर्ट में सुझाव

महाकाल शिवलिंग क्षरण को लेकर एएसआई की रिपोर्ट पर सुझाव दिए गए थे, यह सुझाव थे कि जलाभिषेक के पानी की रोज जांच होना चाहिए। भस्मारती के दौरान शिवलिंग को कपड़े से ढका होना चाहिए। दूध पानी अन्य सामग्री का उपयोग कम होना चाहिए। गर्भगृह में प्रवेश वर्जित होना चाहिए और प्रवेश निकासी अलग-अलग होना चाहिए।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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