जबलपुरमध्य प्रदेश

1 जुलाई से बंद हो जाएगी टाइगर सफारी, फिर भी नेचर लवर्स नेशनल पार्क्स के करीब ऐसे कर सकते हैं एन्जॉय

मॉनसून आते ही नेशनल पार्क बंद हो जाते हैं, लेकिन अक्सर लोगों को ये गलतफहमी रहती है कि टाइगर रिजर्व जाने पर पूरी तरह पाबंदी होती है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है। दरअसल, मॉनसून के मौसम में भले ही टाइगर सफारी को बंद कर दिया जाता है पर आप टाइगर रिजर्व के आसपास की लोकेशंस पर जाकर मौसम का भरपूर मजा ले सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे…

रिसॉर्ट और हाेटल नहीं होते हैं बंद

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की गाइडलाइंस के मुताबिक हर साल 30 जून से लगभग सभी नेशनल पार्क 3 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं। वनविभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के लगभग सभी नेशनल पार्क की ऑनलाइन बुकिंग 30 जून के बाद बंद कर दी गई है। मॉनसून के वक्त माना जाता है कि वन्यजीवों के लिए यह समय प्रजनन का होता है, बाहरी दुनिया का खलल न पड़े इसके लिए पार्क बंद कर दिए जाते हैं। वहीं दूसरा कारण यह भी है कि भारी बारिश की वजह से नेशनल पार्क्स में कई जगहों पर पानी भर जाता है, ऐसे में यहां सफारी करना खतरनाक हो जाता है। लेकिन कम लोग जानते हैं कि इस दौरान भी वे नेशनल पार्क के आसपास बने रिसॉर्ट व होटल्स में समय बिता सकते हैं।

नेशनल पार्क के आसपास कोई बैन नहीं

बारिश के मौसम में मध्यप्रदेश के कान्हा और बांधवगढ़ जैसे नेशनल पार्क्स की हरियाली और ठंडक बेहद मनमोहक हाेती है। अगर आप वीकेंड पर यहां टाइम स्पैंड करना चाहें तो यहां ऐसी कई प्रॉपर्टी हैं जहां आप फैमिली या अपने पार्टनर के साथ नेचर के करीब क्वालिटी टाइम स्पैंड कर सकते हैं। यहां हर तरह के बजट में होटल व रिसॉर्ट 2 हजार रु प्रतिदिन से लेकर 50 हजार रु प्रतिदिन तक में आपको मिल जाएंगे। इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं।

प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है कान्हा

कान्हा टाइगर रिजर्व जिसे कान्हा नेशनल पार्क भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। मॉनसून में यहां की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। कान्हा नेशनल पार्क 1 जून 1955 को बनाया गया था और 1973 में कान्हा टाइगर रिजर्व बनाया गया था। आज यह दो जिलों मंडला और बालाघाट में 940 स्क्वेयर कि.मी. क्षेत्र में फैला है। यहां रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ), भारतीय तेंदुए, सुस्त भालू, बारहसिंघा और भारतीय जंगली कुत्तों की खासी आबादी है। रुडयार्ड किपलिंग के प्रसिद्ध उपन्यास द जंगल बुक में दर्शाया गया जंगल इस रिजर्व सहित जंगलों पर आधारित है।

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कान्हा व बांधवगढ़ के अलावा आप पेंच, सतपुड़ा, पन्ना व संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान भी जा सकते हैं। हालांकि, मॉनसून के लिहाज से कान्हा जाने की सलाह दी जाती है।

मध्यप्रदेश में टाइगर रिजर्व स्थान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान उमरिया
पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी छिंदवाड़ा
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान होशंगाबाद
संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान सीधी
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान पन्ना

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