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सरवाही स्वास्थ्य केंद्र में 5 दिन गुल रही बिजली, टॉर्च की रोशनी में हुईं 3 डिलेवरी

डिंडौरी का मामला: विद्युत विभाग के अधिकारी बोले- अवैध बिजली जला रहे थे

बजाग। डिंडौरी जिले के बजाग जनपद पंचायत क्षेत्र के सरवाही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले पांच दिनों तक लाइट बंद रही। हालात ये रहे कि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को रात में टार्च की रोशनी में प्रसुताओं और अन्य मरीजों का इलाज करना पड़ा। विद्युत विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि स्वास्थ्य केंद्र में विद्युत कनेक्शन नहीं है। वे अवैध तरीके से बिजली का उपयोग कर रहे हैं।

अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद केंद्र में गुरुवार रात बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई। ड्यूटी डॉक्टर अर्जुन विश्वास ने बताया कि पांच दिनों से लाइट बंद थी। रात में प्रसव के लिए आई तीन महिलाओं की डिलेवरी मोबाइल व टार्च की रोशनी में कराई गई। अस्पताल की नर्सिंग ऑफिसर नीतू ठाकुर ने बताया कि 5 दिनों से लाइट नहीं होने से दो गर्भवतियों को डिंडौरी रेफर करना पड़ा। प्रसूता रामप्यारी ने बताया कि अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में डिलेवरी कराई जा रही थी तो उसे डर लग रहा था, पर सब ठीक रहा।

सरवाही गांव के अखिलेश लोरिया ने बताया कि यहां 10 गांव के ग्रामीण इलाज के लिए आते हैं। बिजली न होने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विद्युत कंपनी के कार्यपालन यंत्री राकेश बघेल ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र सरवाही में बिजली कनेक्शन नहीं है। कुछ दिन पहले विजलेंस की टीम ने पंचनामा बनाया था। पर कंपनी ने बिजली बंद नहीं की थी।

बिजली कनेक्शन ही नहीं है

स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर अर्जुन विश्वास ने बताया कि मेरी पोस्टिंग डेढ़ साल पहले हुई हैं। मैंने कैंपस में मीटर लगा नहीं देखा। 5 दिन पहले आंधी के चलते लाइट बंद हुई तो जेई गाड़ासरई को फोन लगाया। पहले वे बोले कि दिखवाते हैं। दूसरे दिन बोले, आपके अस्पताल में बिजली कनेक्शन नहीं है। अवैध तरीके से लाइट जला रहे हो। मैंने एसडीएम बजाग व वरिष्ठ अफसरों को जानकारी दी। देर रात दो बजे बिजली सप्लाई शुरू हो गई।

मामला मेरे संज्ञान में अभी आया है। डिंडौरी सीएमएचओ को निर्देशित कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली व्यवस्था जल्द बहाल की जाएगी। -डॉ. संजय मिश्रा, रीजनल हेल्थ डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर

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