
भारत में हर साल 11 मई को प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारत की विज्ञान में दक्षता एवं प्रौद्योगिकी में विकास को दर्शाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन शक्ति का एक वीडियो शेयर किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और उनके प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया। जानिए इसका इतिहास एवं महत्व…
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास
भारत ने वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में तीन परमाणु परीक्षण करने का घोषणा किया था। बता दें पहला परमाणु परीक्षण मई 1974 में किया गया था जिसका कोड नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ था। भारत द्वारा शक्ति-1 नामक परमाणु मिसाइल का सफल परीक्षण 01 मई 1998 को किया गया था। राजस्थान के पोखरण परमाणु स्थल पर पांच परमाणु परीक्षण 11 एवं 13 मई 1998 को किए गए थे। तभी से भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसके बाद अगले साल इसी दिन यानी 11 मई, 1999 को भारत में पहला नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया गया।
Today, on National Technology Day, we express gratitude to our brilliant scientists and their efforts that led to the successful Pokhran tests in 1998. We remember with pride the exemplary leadership of Atal Ji who showed outstanding political courage and statesmanship. pic.twitter.com/QZXcNvm6Pe
— Narendra Modi (@narendramodi) May 11, 2022
पीएम मोदी ने शेयर किया पोखरण का वीडियो
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज पोखरण में परमाणु परीक्षण का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी दिखाई दे रहे हैं, जो तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के साथ खुद परीक्षण स्थल पर गए थे। पीएम मोदी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हम अपने प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और उनके प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिसके कारण 1998 में पोखरण परीक्षण सफल हुआ। हम अटल जी के अनुकरणीय नेतृत्व को गर्व के साथ याद करते हैं जिन्होंने उत्कृष्ट राजनीतिक साहस और राज्य कौशल दिखाया।
पूर्व पीएम खुद गए थे पोखरण
सफल परमाणु परीक्षण के बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था ‘आज भारत ने पोखरण में भूमिगत परीक्षण किया।’ अटलजी तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के साथ खुद परीक्षण स्थल पर गए थे। इस परीक्षण से भारत का सीना चौड़ा हो गया और वह घोषित रूप से परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया था। तब अटलजी ने नारा दिया था- ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान।’ इसके बाद से 11 मई का दिन हर साल ‘नेशनल टेक्नोलॉजी डे’ के रूप में मनाया जाता है।
अटल सरकार ने गुप्त रखी थी रचना
दरअसल, अटल सरकार ने पोखरण-2 परीक्षण की समूची व्यूह रचना इतनी गुप्त रखी कि अमेरिका व उसके उपग्रह तक गच्चा खा गए थे। किसी को कानों-कान खबर नहीं लगी कि भारत इतना बड़ा कदम उठा रहा है। हालांकि विरोध स्वरूप अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने भारत पर सख्त पाबंदियां लगाई थी। बता दें कि उस समय सिर्फ इजराइल ने भारत का साथ दिया था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व
प्रौद्योगिकी यानि टेक्नोलॉजी की आज हर क्षेत्र में आवश्यकता है। इसका महत्व केवल विज्ञान में ही नहीं बल्कि एक देश को आगे बढ़ाने के हर पहलु पर है। आज प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह से प्रौद्योगिकी से जुड़ा है। भारत को डिजिटल करने में प्रौद्योगिकी का बढ़ा हाथ है। जिस तरह से प्रत्येक विकसित और विकासशील देश अपने-अपने परमाणु परीक्षण कर अपनी शक्तियों से दुनिया को रूबरू करा रहे हैं। इसी प्रकार भारत भी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाकर अपने वैज्ञानिकों एवं उनके कार्यों को सम्मान प्रदान करता है।