शराबबंदी के बावजूद बिहार के दो जिलों में जहरीली शराब से 33 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 11 की हालत गंभीर है। मरने वालों में 18 गोपालगंज के रहने वाले थे। यहां 7 लोगों की हालत गंभीर है। इनमें 3 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। पश्चिम चंपारण में 15 मौतें हुई हैं। यहां 4 लोगों की हालत गंभीर है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक गोपालगंज के महम्मदपुर थाने के कुशहर तुरहा टोले और दलित बस्ती में मंगलवार की शाम दो दर्जन लोगों ने जहरीली शराब पी थी। बताया गया कि यहां पन्नी के पाउच में भरी शराब पीने के कुछ देर बाद सबकी हालत बिगड़ने लगी। शुरुआत में लोगों को पेट और सीने में जलन की शिकायत हुई, जिसके बाद सभी को अस्पताल ले जाया गया। बुधवार को इनमें से 10 लोगों की मौत हो गई वहीं दिवाली के दिन 8 लोगों ने दम तोड़ दिया। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 18 हो गई। इसी तरह चंपारण में 15 लोगों की मौत होने से आंकड़ा 33 पर जा पहुंचा है, जहां कई लोग अब भी गंभीर हैं।
एसपी ने दो टीआई-दो आरक्षकों को हटाया
इस मामले में गोपालगंज पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने महम्मदपुर थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार और एक आरक्षक व पश्चिम चंपारण के नौतन थानाप्रभारी और आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आने के कारण प्रशासन इन्हें संदिग्ध मौत मान रहा है।
तेजस्वी ने साधा नीतीश पर निशाना
इस मामले में विपक्ष की ओर से तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहरीली शराब से इतने लोगों की जान जा चुकी है पर मुख्यमंत्री प्रशासन, माफिया या तस्करों पर कार्रवाई करने की बजाय पीने वालों का कड़ा सबक सिखाने की धमकी दे रहे हैं।
“जब गड़बड़ चीज पीजियेगा तो आप चले जाइयेगा”- नीतीश जी
शराबबंदी पर बड़बड़ करने वालों के राज में विगत 3 दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी है।
मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते है। pic.twitter.com/56WTi9RCVR
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 5, 2021