भोपालमध्य प्रदेश

रेबीज दिवस आज : 5 साल में कुत्तों की नसबंदी पर खर्च हुए 6.76 करोड़, फिर भी बढ़ रही आबादी

जहांगीराबाद थाने के एसआई दिनेश सिंह रघुवंशी बचाने पहुंचे, तो कुत्ते ने उन्हें भी काट लिया। उसने नौ लोगों को शिकार बनाया।

भोपाल। बीते 27 मई को जहांगीराबाद स्थित झदा कब्रिस्तान के पास एक पागल कुत्ता दो बच्चों पर झपट पड़ा। जहांगीराबाद थाने के एसआई दिनेश सिंह रघुवंशी बचाने पहुंचे, तो कुत्ते ने उन्हें भी काट लिया। उसने नौ लोगों को शिकार बनाया। राजधानी में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। खासकर रात के समय दो पहिया वाहन चालकों पर आवारा कुत्तों का झपटना आम बात है।

राजधानी में डेढ़ लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते बने मुसीबत

यह स्थिति तब है, जबकि नगर निगम भोपाल में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) प्रोग्राम 2012 से चला रहा है। पिछले पांच साल में ही निगम आवारा कुत्तों की नसबंदी पर 6.76 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है, बावजूद इनकी आबादी कम नहीं हो रही है। निगम के अनुसार, वर्तमान में इनकी आबादी डेढ़ लाख से अधिक है।

1.48 लाख कुत्तों की नसबंदी

नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बीते मार्च में विधानसभा में कुत्तों की नसबंदी पर खर्च हुई राशि को लेकर द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताया था कि भोपाल में 5 साल में नवोदय वेट सोसायटी द्वारा 1.48 लाख कुत्तों की नसबंदी की गई। इस पर 6.76 करोड़ खर्च हुए।

निर्णयों पर अमल नहीं

2019 में अवधपुरी में आवारा कुत्तों के हमले में छह साल के बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद जिला व नगर निगम प्रशासन ने कई बैठकें की थीं। इसमें मॉनीटरिंग व्यवस्था में सुधार, नसबंदी बढ़ाने सहित कई निर्णय लिए गए थे। हालांकि इस पर अमल नहीं हुआ।

अगस्त में राजधानी में एनिमल बाइट के 491 प्रकरण दर्ज

राजधानी में करीब डेढ़ दर्जन स्वास्थ्य संस्थाओं में एंटी रेबीज वैक्सीन की व्यवस्था की गई है। लेकिन सिर्फ चार संस्थाओं से ही डॉग बाइट और एनिमल बाइट के केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ये लापरवाही ऐसे समय में है, जब अकेले अगस्त के महीने में ही एनिमल बाइट के 491 केस भोपाल से दर्ज किए गए हैं। अधिकारी भी मानते हैं कि यदि समय पर एनिमल बाइट की रिपोर्टिंग की जाए, तो ये संख्या और ज्यादा हो सकती है।

फैक्ट फाइल एक नजर में

एनिमल बाइट केस 491
ह्यूमन रेबीज केस रिपोर्ट हुए 4
कुल हेल्थकेयर फैसिलिटी 18
रिपोर्ट दर्ज करने वाली संस्थाएं 4

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